बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर उठे विवाद के बीच विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यदि हालात नहीं सुधरे तो आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने पर भी विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जनता की राय लेकर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
IANS से बातचीत में तेजस्वी ने चुनाव आयोग पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए सवाल किया, “यदि पहले से ही तय है कि किसे कितना वोट मिलना है, तो फिर चुनाव की जरूरत ही क्या है?”
“बिहार लोकतंत्र की जननी है, लेकिन लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है”
तेजस्वी ने कहा कि बिहार ने लोकतंत्र को जन्म दिया है, लेकिन आज उसी बिहार में लोकतंत्र को कुचला जा रहा है। विधानसभा में SIR पर चर्चा की अनुमति मिलने के बावजूद मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से प्रक्रिया बाधित हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष इस विषय पर कोई बहस नहीं चाहता।
उन्होंने कहा कि कई विधायक यह तक नहीं जानते थे कि मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण चल रहा है। जब चर्चा शुरू हुई तो सत्ता पक्ष के मंत्री व्यवधान पैदा करने लगे। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि सरकार इस मामले में पारदर्शिता नहीं चाहती।
“प्रेस कॉन्फ्रेंस तक नहीं कर पाया चुनाव आयोग”
तेजस्वी यादव ने कहा कि इतने बड़े स्तर पर अभियान चलाने के बावजूद चुनाव आयोग ने अब तक कोई सार्वजनिक स्पष्टीकरण या प्रेस वार्ता नहीं की है। उन्होंने आरोप लगाया कि आंकड़ों को पूरा करने के लिए ज़मीन पर सच्चाई की अनदेखी कर 98 प्रतिशत तक नाम जोड़े जाने का दावा किया गया, जबकि वास्तव में कई गड़बड़ियां सामने आई हैं। गाइडलाइंस का पालन नहीं किया गया और पूरी प्रक्रिया महज दिखावा बनकर रह गई।
“चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल”
उन्होंने कहा कि आयोग अब सरकार नहीं चुनता, बल्कि सरकार अपने हिसाब से मतदाता चुन रही है। संविधान को कमजोर किया जा रहा है और लोकतंत्र के स्थान पर राजशाही थोपी जा रही है। उन्होंने दोहराया कि वे इस लड़ाई को हर मंच पर लड़ेंगे और आयोग को जवाब देना ही होगा।
तेजस्वी ने आगे कहा, “यदि चुनाव निष्पक्षता से नहीं कराए जाएंगे तो इसका क्या अर्थ रह जाएगा? सरकार को फिर सीधे कार्यकाल बढ़ा लेना चाहिए। यह अब लोकतंत्र को बचाने की नहीं, बल्कि उसकी मूल भावना को खत्म करने की कोशिश है।”
“फर्जी मतदाताओं के नाम जोड़े गए”
उन्होंने दावा किया कि भाजपा से जुड़े पतों पर 70 फर्जी वोटर पंजीकृत किए गए। साथ ही चंडीगढ़ जैसी जगहों पर भी धांधली के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की कार्यशैली अब किसी से छिपी नहीं है, लेकिन बहुत जल्द जनता इसका जवाब देगी।
“महागठबंधन में सीटों का बंटवारा तय”
तेजस्वी ने स्पष्ट किया कि महागठबंधन के अंदर सीटों का बंटवारा तय हो चुका है और जल्द ही इसका औपचारिक ऐलान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास स्पष्ट योजना है, जबकि सरकार के पास न तो कोई रोडमैप है और न ही राज्य के विकास के लिए कोई गंभीर सोच।
“वोटर की पहचान ही छीनी जा रही है”
उन्होंने कहा कि आज सिर्फ मताधिकार नहीं छीना जा रहा, बल्कि नागरिक का अस्तित्व ही खतरे में है। यदि कोई वोटर नहीं रहेगा तो उसका अधिकार भी नहीं रहेगा। तेजस्वी ने कहा कि सदन में इस मुद्दे पर प्राथमिकता से चर्चा होनी चाहिए थी, क्योंकि जब मतदाता ही नहीं बचेंगे तो फिर जनप्रतिनिधियों और लोकतांत्रिक संस्थाओं का औचित्य क्या रह जाएगा?
“निशांत की वापसी पर नीतीश को लेना है फैसला”
जनता दल यूनाइटेड नेता निशांत की संभावित वापसी को लेकर पूछे गए सवाल पर तेजस्वी ने कहा कि इसका फैसला उनके पिता को करना है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह नीतीश कुमार का आखिरी चुनाव हो सकता है और अब सवाल यह है कि उनके बाद जदयू को कौन संभालेगा।