भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर की गई टिप्पणी पर मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह की परेशानी और बढ़ती नजर आ रही है। इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेता जया ठाकुर की ओर से एक नई याचिका दायर की गई है, जिसमें मंत्री को पद से हटाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि विजय शाह के बयान से देश की एकता और अखंडता को गंभीर खतरा पैदा हुआ है।
‘समाज को बांटने वाली टिप्पणी’
याचिका में तर्क दिया गया है कि मंत्री का बयान अलगाववादी भावनाओं को भड़काने वाला है, जो संविधान की तीसरी अनुसूची के तहत ली गई शपथ का उल्लंघन करता है। इसमें यह भी कहा गया है कि ऐसी टिप्पणी समाज में वैमनस्य फैलाने वाली है और देश की संप्रभुता पर सीधा प्रहार है।
सुप्रीम कोर्ट ने खुद लिया मामला हाथ में
इससे पहले 28 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रकरण को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से अपने पास स्थानांतरित कर लिया था और कहा था कि अब वह स्वयं इस मामले की निगरानी करेगा। इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) से स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है। गौरतलब है कि 19 मई को सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह को फटकार लगाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया था।
क्या है पूरा मामला?
विवाद उस वक्त शुरू हुआ, जब सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में विजय शाह को कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए देखा गया। यह वही अधिकारी हैं जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ मीडिया ब्रीफिंग में दिखाई दी थीं और देशभर में चर्चा का विषय बनी थीं।
हाईकोर्ट की तीखी टिप्पणी
इस मामले में पहले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भी मंत्री विजय शाह की कड़ी आलोचना की थी। कोर्ट ने उनके बयान को ‘गटर की भाषा’ बताते हुए इसे नफरत फैलाने वाला करार दिया था और पुलिस को उनके खिलाफ वैमनस्य फैलाने और समुदायों में द्वेष पैदा करने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था। आलोचना के बाद विजय शाह ने सार्वजनिक रूप से खेद जताते हुए कहा था कि वह कर्नल कुरैशी का अपनी बहन से भी अधिक सम्मान करते हैं।