प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना के तहत तेलंगाना को अतिरिक्त आवंटन मिलने पर केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के प्रति आभार जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा किए संदेश में कहा कि पीएम-कुसुम योजना किसानों को उनके खेतों पर विकेन्द्रीकृत ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा संयंत्र, सोलर कृषि पंप और ग्रिड-कनेक्टेड सौर पंप लगाने में सक्षम बनाती है।
रेड्डी ने कहा कि यह योजना किसानों को ऊर्जा और जल संरक्षण की सुविधा देने के साथ-साथ उनकी आमदनी बढ़ाने, कृषि क्षेत्र को डीजल-मुक्त बनाने और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से चलाई जा रही है।
450 मेगावाट की अतिरिक्त सौर क्षमता को मंजूरी
उन्होंने बताया कि तेलंगाना को विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए 450 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता स्वीकृत की गई है और इसके तहत सिंचाई के लिए 20,000 सौर कृषि पंपों का आवंटन किया गया है।
रेड्डी ने कहा कि राज्य में सौर ऊर्जा की असीम संभावनाएं हैं, और यह कदम किसानों को इस ऊर्जा स्रोत का बेहतर उपयोग करने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि योजना के त्वरित कार्यान्वयन को प्राथमिकता दी जाए, क्योंकि योजना मार्च 2026 तक ही प्रभावी रहेगी। साथ ही उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अब तक राज्य में योजना के किसी भी घटक के तहत कोई प्रगति नहीं हुई है।
पीएम-कुसुम योजना: उद्देश्य और लाभ
पीएम-कुसुम योजना का लक्ष्य कृषि क्षेत्र को डीजल-निर्भरता से मुक्त कर सौर ऊर्जा की ओर अग्रसर करना है। इसके तहत केंद्र सरकार स्टैंडअलोन सोलर पंप और ग्रिड-कनेक्टेड पंपों की सौर प्रणाली में बदलाव हेतु लागत का 30% से 50% तक सब्सिडी देती है।
योजना के अंतर्गत किसान अपनी अनुपयोगी या बंजर भूमि पर दो मेगावाट तक के ग्रिड-कनेक्टेड सोलर प्लांट भी लगा सकते हैं और इससे उत्पादित बिजली स्थानीय वितरण कंपनियों को बेच सकते हैं।
यह योजना राज्यों के नामित विभागों द्वारा लागू की जा रही है और इसके तीनों घटकों के माध्यम से मार्च 2026 तक कुल 34,800 मेगावाट सौर क्षमता जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित है। केंद्र सरकार इसके लिए 34,422 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करा रही है।