धनखड़ ने तोड़ा प्रोटोकॉल, इस्तीफा सौंपने पहुंचे राष्ट्रपति भवन; आधे घंटे तक किया इंतजार

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। प्रोटोकॉल से हटते हुए वह बिना पूर्व सूचना के राष्ट्रपति भवन पहुंच गए और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंपा। अचानक पहुंचे धनखड़ को राष्ट्रपति से मिलने के लिए तकरीबन आधा घंटा इंतजार करना पड़ा। इस्तीफा देने के बाद वे सीधे अपने आधिकारिक आवास पहुंचे और उसे खाली करने की प्रक्रिया शुरू कर दी।

धनखड़ के इस कदम के बाद केंद्र सरकार और उनके बीच बीते महीनों में बनी असहजता को लेकर कई चर्चाएं तेज हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार, उनके और सरकार के बीच रिश्तों में खटास की शुरुआत पिछले साल दिसंबर में हुई थी, जब उन्होंने एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में किसान आंदोलन को लेकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए थे। उन्होंने मंच से सवाल किया था कि यदि सरकार ने किसानों से कोई वादा किया था, तो उसे पूरा क्यों नहीं किया गया?

अप्रैल में एक और विवाद उस समय सामने आया जब उन्होंने भारत दौरे पर आए अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से मुलाकात की इच्छा जताई थी और इसे लेकर दबाव भी बनाया गया था।

इस्तीफे को लेकर उठे सवाल

धनखड़ के इस्तीफे की वजह को लेकर स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं है। हालांकि, उनके करीबी सूत्रों ने इसे स्वास्थ्य कारणों से उठाया गया कदम बताया है। वहीं, राजनीतिक हलकों में इसे सरकार से उनके तनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि यह इस्तीफा दबाव की स्थिति में दिया गया। इसी बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस्तीफे के करीब 15 घंटे बाद सोशल मीडिया पर उनकी सेहत की कामना करते हुए संदेश जारी किया, जिसे कई लोग संकेत के तौर पर देख रहे हैं।

महाभियोग की सुगबुगाहट

इस घटनाक्रम के बीच महाभियोग की चर्चा भी जोरों पर है। सूत्रों के अनुसार, लोकसभा में 152 सांसदों द्वारा महाभियोग नोटिस दिए जाने के बाद अब निचले सदन में प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है। राज्यसभा में कार्यवाहक सभापति हरिवंश इस पर निर्णय लेंगे। यदि कार्रवाई ऊपरी सदन में होती है, तो विपक्ष इसका राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर सकता है।

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