सीमा पर सुलगा संघर्ष: कंबोडियाई ड्रोन के जवाब में थाईलैंड की एयर स्ट्राइक

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर तनाव एक बार फिर गहराता जा रहा है। दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं और अब तक की झड़पों में नौ से अधिक नागरिकों की जान जा चुकी है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि अब थाईलैंड की वायुसेना को भी कार्रवाई में उतरना पड़ा है।

यह पहली बार नहीं है जब दोनों देशों के बीच सीमा विवाद ने हिंसक रूप लिया है, लेकिन इस बार स्थिति ज्यादा विस्फोटक नजर आ रही है। दोनों पक्ष सैन्य स्तर पर पूरी तैयारी के साथ मैदान में हैं और कूटनीतिक प्रयास फिलहाल ठंडे बस्ते में हैं।

विवाद की जड़ कहां है?
विवाद की शुरुआत उस क्षेत्र से मानी जा रही है जहां थाईलैंड का सुरिन प्रांत और कंबोडिया का ओडर मेंची प्रांत आपस में मिलते हैं। यहां ता मुएन थोम नाम का एक प्राचीन मंदिर स्थित है, जिसे लेकर दोनों देशों के बीच लम्बे समय से अधिकार का विवाद चला आ रहा है।

तनाव कैसे बढ़ा – घटनाक्रम एक नज़र में

  • सुबह 7:30 बजे: थाई सेना की निगरानी प्रणाली ने मंदिर क्षेत्र में कंबोडियाई ड्रोन की गतिविधि दर्ज की। इसके कुछ देर बाद छह हथियारबंद कंबोडियाई सैनिक सीमा की ओर बढ़ते देखे गए। थाई गार्ड्स ने उन्हें चेतावनी दी, लेकिन वे नहीं रुके।
  • 8:20 बजे: कंबोडियाई बलों ने अचानक थाई चौकी पर फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में छोटे हथियारों के साथ-साथ मोर्टार और ग्रेनेड लॉन्चर का भी उपयोग किया गया। थाई सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई की।
  • 9:40 बजे: हालात और बिगड़ते हुए कंबोडियाई पक्ष ने BM-21 रॉकेट लॉन्चर से थाईलैंड के सिसाकोत प्रांत में हमला किया। रॉकेट मंदिर परिसर और रिहायशी इलाकों में गिरे, जिससे कई लोग घायल हो गए।
  • 9:55 बजे: एक और रॉकेट सुरिन प्रांत के काप चोएंग क्षेत्र में गिरा, जिससे एक घर तबाह हो गया। इस हमले में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
  • दोपहर बाद: हालात को देखते हुए थाई वायुसेना ने कार्रवाई शुरू की। छह F-16 लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरकर कंबोडियाई क्षेत्र में स्थित दो सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। बताया जा रहा है कि इन हमलों में लॉजिस्टिक्स और रडार यूनिट्स को भारी नुकसान पहुंचा है। हमले ओडर मेंची और प्रेअह विहियर क्षेत्रों में किए गए।

अब तक की स्थिति
अब तक नौ से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और करीब 40 हजार नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। दोनों देशों ने अपनी-अपनी सीमाएं सील कर दी हैं। तनाव अभी भी बना हुआ है और हालात किसी भी समय और अधिक बिगड़ सकते हैं। राजनयिक संबंधों पर भी इसका असर पड़ता दिख रहा है और दोनों देशों की सेनाएं अलर्ट पर हैं।

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