थाईलैंड और कंबोडिया के बीच बीते दो दिनों से जारी सैन्य संघर्ष अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंच गया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की एक आपात बैठक आज रात 12:30 बजे आयोजित की जाएगी, जो कंबोडिया के अनुरोध पर बुलाई गई है। इस मुद्दे को वैश्विक मंच तक ले जाने में पाकिस्तान ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई है।
दरअसल, कंबोडिया ने थाईलैंड पर हमला करने का आरोप लगाते हुए संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप की मांग की थी। उसने पाकिस्तान से अपील की थी कि वह सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने में सहयोग करे। वर्तमान में पाकिस्तान सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहा है, जिससे उसके पास ऐसी बैठक बुलाने का अधिकार है। रोटेशन प्रणाली के तहत सदस्य देश एक-एक महीने के लिए अध्यक्ष बनते हैं, और फिलहाल यह जिम्मेदारी पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद के पास है।
F-16 और क्लस्टर बम के हमले का आरोप
कंबोडिया की ओर से यह दावा किया गया है कि थाईलैंड ने उस पर क्लस्टर बमों से हमला किया है और F-16 फाइटर जेट से लगातार बमबारी की जा रही है। दोनों देशों के बीच सैन्य झड़पें बढ़ती जा रही हैं और सीमा क्षेत्रों में तनाव चरम पर है। इस हालात को देखते हुए कंबोडिया ने अंतरराष्ट्रीय दखल की मांग की है।
कंबोडियाई प्रधानमंत्री की अपील
कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से अपने नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि उनका देश सदैव विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने का पक्षधर रहा है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर देश पर हथियारबंद हमला होता है तो जवाब देना अनिवार्य हो जाता है। प्रधानमंत्री ने सीमा पर बसे नागरिकों से इलाका खाली करने का अनुरोध किया है और कहा है कि बाकी क्षेत्र में सामान्य जनजीवन जारी रहना चाहिए।
“जवाब देना मजबूरी बन गया”
अपने बयान में पीएम हुन मानेट ने कहा कि थाईलैंड की ओर से अचानक हुए सैन्य हमले के कारण उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा। उन्होंने कहा कि उनका देश शांति चाहता है, लेकिन देश की सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाना जरूरी हो गया है।