राज्य सरकार की नई जॉब ट्रेनी नीति को लेकर कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर युवाओं को गुमराह करने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान, उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया और विधायक सुरेश कुमार ने शुक्रवार को सचिवालय में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि भाजपा इस नीति को लेकर जानबूझकर भ्रम फैला रही है, जबकि यह नीति भर्ती प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और दक्षता आधारित बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है।
कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट किया कि इस नीति के तहत नियुक्त होने वाले कर्मचारियों को दो वर्ष का प्रशिक्षणात्मक सेवाकाल पूरा करने के बाद नियमित किया जाएगा। इस अवधि के अंत में एक परीक्षा केवल उनकी कार्यकुशलता की जांच के लिए आयोजित की जाएगी, न कि नियमितीकरण के आधार पर। यह परीक्षा विभागीय पदोन्नति परीक्षाओं की तरह ही होगी।
उन्होंने यह भी बताया कि वन मित्र और पशु मित्र जैसी भर्तियों को भी इसी नीति के तहत लाया जाएगा, और आगे चलकर सरकारी नौकरियों में भर्ती की यही एकमात्र प्रणाली होगी।
प्राकृतिक आपदा से राज्य को हुए नुकसान का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार से अब तक विशेष राहत पैकेज न मिलने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आपदा के तुरंत बाद प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की और प्रदेश की स्थिति से उन्हें अवगत कराया। राहत कार्यों के लिए प्रदेश सरकार ने 225 करोड़ रुपये की राशि भी जारी की और 15 राहत शिविरों में 341 लोगों को आश्रय प्रदान किया गया।
केवल सिंह पठानिया ने केंद्र सरकार से बिना विलंब किए विशेष राहत पैकेज जारी करने की मांग की, जबकि सुरेश कुमार ने यह जानकारी दी कि मौजूदा सरकार ने अब तक लगभग 42,000 लोगों को सरकारी और 70,000 को गैर-सरकारी क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराया है।
कांग्रेस नेताओं ने केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से आग्रह किया कि वे स्वयं हस्तक्षेप कर हिमाचल को उत्तराखंड, गुजरात और आंध्र प्रदेश की तर्ज पर विशेष राहत पैकेज दिलाएं।