इग्नू को पहली महिला कुलपति मिलीं, प्रो. उमा कांजीलाल ने संभाला कार्यभार

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) को पहली बार महिला कुलपति मिली हैं। प्रोफेसर उमा कांजीलाल ने 25 जुलाई को कुलपति पद का कार्यभार संभाल लिया है। इससे पहले वे विश्वविद्यालय की प्रॉक्टर-वाइस चांसलर (Pro-VC) के रूप में कार्यरत थीं।

शिक्षा और अकादमिक पृष्ठभूमि

प्रो. कांजीलाल ने मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री कानपुर के क्राइस्ट चर्च कॉलेज से प्राप्त की और जीवाजी विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की। उन्होंने 1984 में आईआईटी कानपुर में रिसर्च एसोसिएट के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और पिछले तीन दशकों से शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

इग्नू में रहा है लंबा अनुभव

इग्नू में उनकी सेवाओं की बात करें तो वे मार्च 2021 से जुलाई 2024 तक प्रॉक्टर-वाइस चांसलर के पद पर रहीं। इससे पहले वे इग्नू में कई अहम जिम्मेदारियां निभा चुकी हैं—2019 से 2021 तक ऑनलाइन शिक्षा केंद्र की निदेशक, 2012-13 में सूचना विज्ञान एवं नवीन शिक्षण केंद्र की प्रमुख, 2007 से 2010 तक सामाजिक विज्ञान संकाय की निदेशक और 2004 से 2006 तक विश्वविद्यालय पुस्तकालयाध्यक्ष के पद पर कार्यरत रहीं।

डिजिटल शिक्षा में अहम भूमिका

प्रो. कांजीलाल को ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ODL) प्रणाली, ई-लर्निंग, डिजिटल लाइब्रेरी, मल्टीमीडिया पाठ्यक्रम निर्माण और आईसीटी आधारित शिक्षा में विशेषज्ञता हासिल है। वे भारत सरकार की दो प्रमुख डिजिटल शिक्षा परियोजनाओं ‘स्वयं’ और ‘स्वयं प्रभा’ की राष्ट्रीय समन्वयक भी हैं। इसके साथ ही वे ‘नेशनल वर्चुअल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया’ परियोजना की मुख्य शोधकर्ता हैं।

सम्मान और उपलब्धियां

उनके शैक्षणिक योगदान के लिए उन्हें अनेक प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुके हैं, जिनमें फुलब्राइट फैलोशिप (अर्बाना-शैंपेन, 1999-2000), ऑस्ट्रेलिया-भारत परिषद अनुदान, डानिडा फैलोशिप, काउंसलिंग और ई-शिक्षा के लिए मंथन पुरस्कार शामिल हैं।

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