कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम द्वारा अपनी विदेश यात्राओं को लेकर जमानत की शर्तों में रियायत मांगी गई है, जिस पर शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। यह मामला आईएनएक्स मीडिया केस से संबंधित है।
सुनवाई के दौरान सीबीआई के विशेष अधिवक्ता ने चिदंबरम की याचिका का विरोध किया और बिना नाम लिए किंगफिशर प्रकरण का हवाला देते हुए कहा कि कभी वहां से भी एक सांसद थे, जो अब ब्रिटेन में रह रहे हैं। इस टिप्पणी के जरिए संभवतः विजय माल्या की ओर इशारा किया गया।
कार्ति चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने दलील दी कि उनके मुवक्किल भारत के संसद सदस्य हैं और नियमित रूप से संसद की कार्यवाही में भाग लेते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका विदेश भागने का कोई इरादा नहीं है और वह ब्रिटेन के सांसद बनने नहीं जा रहे।
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर तय करते हुए पहले से निर्धारित 16 अक्टूबर की तारीख को रद्द कर दिया।
क्या है आईएनएक्स मीडिया मामला?
इस मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी। आरोप है कि वर्ष 2007 में, जब कार्ति चिदंबरम के पिता पी. चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे, उस दौरान एक मीडिया कंपनी को 305 करोड़ रुपये की विदेशी निवेश की मंजूरी दी गई, जो कथित तौर पर नियमों के विपरीत थी।
मार्च 2018 में कार्ति चिदंबरम को इस केस में दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। शर्तों के अनुसार, वह ट्रायल कोर्ट की पूर्व अनुमति के बिना देश से बाहर यात्रा नहीं कर सकते। इसी शर्त में राहत के लिए उन्होंने अब अदालत का रुख किया है।