अवैध धर्मांतरण मामले में नामजद छांगुर उर्फ जमालुद्दीन के खिलाफ प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है। शनिवार को छांगुर के भतीजे सबरोज के ठिकानों पर प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए बुलडोजर चलाया और सरकारी भूमि पर बने अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया। कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा। यह निर्माण गैडास बुजुर्ग थाना क्षेत्र के रेहरा माफी गांव में सरकारी जमीन पर किया गया था।
इसी के साथ प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी छांगुर और उसके नजदीकी सहयोगियों की गतिविधियों की जांच में जुटा है।
जांच में सामने आया है कि छांगुर का नेटवर्क सिर्फ धर्मांतरण तक सीमित नहीं था, बल्कि इसके तार संभावित राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से भी जुड़े हो सकते हैं। उसने देशभर में अपना नेटवर्क फैला रखा था, जिसमें तीन हजार से अधिक लोगों की भूमिका सामने आ चुकी है। सुरक्षा एजेंसियां अब यह भी जांच रही हैं कि उसका संबंध किन-किन संदिग्ध या प्रतिबंधित संगठनों से रहा है।
सूत्रों के अनुसार, छांगुर ने दुबई, सऊदी अरब और तुर्की जैसे देशों तक अपनी पहुंच बना रखी थी, जिससे यह आशंका गहराई है कि वह कुछ ऐसी संस्थाओं से भी संपर्क में रहा है, जिन पर देश में अशांति फैलाने के आरोप हैं।
बताया जा रहा है कि देश में सबसे अधिक धर्मांतरण कराने वालों में उसका नाम शामिल है। उसके खिलाफ कई जिलों में शिकायतें सामने आ रही हैं। प्रशासनिक कार्रवाई के बाद पीड़ितों का आत्मविश्वास बढ़ा है और अब उसके नेटवर्क से जुड़े अन्य नाम भी सामने आने लगे हैं।