नई दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने प्रेस वार्ता के माध्यम से कारगिल विजय दिवस, भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता जैसे प्रमुख विषयों पर विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने कारगिल विजय दिवस को देश के शौर्य और आत्मविश्वास का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह दिन हमारे वीर सैनिकों की उस गौरवगाथा की याद दिलाता है, जब उन्होंने विषम परिस्थितियों में दुश्मनों को परास्त कर मातृभूमि की रक्षा की थी। गोयल ने इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व को भी याद किया और कहा कि उस समय भारत ने स्पष्ट संदेश दिया था कि राष्ट्रीय अखंडता से कोई समझौता नहीं होगा। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भी यही नीति सख्ती से जारी है।
भारत-यूके एफटीए: ऐतिहासिक आर्थिक साझेदारी
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि हाल ही में भारत और ब्रिटेन के बीच हुआ मुक्त व्यापार समझौता अब तक का सबसे व्यापक और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण समझौता है। यह समझौता भारत के फार्मास्युटिकल, वस्त्र, आभूषण, कृषि प्रसंस्करण, एमएसएमई और तकनीकी क्षेत्रों के लिए नए निर्यात अवसर खोलेगा। इससे भारतीय उत्पादों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भागीदारी मजबूत होगी।
उन्होंने बताया कि एफटीए के तहत 95 प्रतिशत भारतीय कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों को ब्रिटेन में शुल्क-मुक्त प्रवेश मिलेगा। साथ ही डेयरी क्षेत्र को पूर्ववत संरक्षण जारी रहेगा, जिससे पशुपालकों और किसानों के हित सुरक्षित रहेंगे। समझौते को अमल में लाने के लिए अब केवल ब्रिटिश संसद की स्वीकृति बाकी है।
स्थानीय उद्योगों को मिलेगा प्रत्यक्ष लाभ
एफटीए का विशेष लाभ भारत के पारंपरिक और क्लस्टर आधारित उद्योगों को मिलेगा। मुरादाबाद (पीतल), कानपुर (चमड़ा), तिरुपुर (वस्त्र), सूरत (हीरा व वस्त्र) और कोच्चि (समुद्री उत्पाद) जैसे केंद्र इस समझौते से प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे। मंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों के निर्यातकों को सरकार प्रशिक्षण और संसाधन मुहैया कराकर वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाएगी।
मोदी की लोकप्रियता अंतरराष्ट्रीय मंच पर शीर्ष पर
पीयूष गोयल ने एक अंतरराष्ट्रीय सर्वे का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में पहला स्थान प्राप्त हुआ है। अब तक 27 देशों ने उन्हें अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मानों से सम्मानित किया है। गोयल ने कहा कि यह उपलब्धि भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा के साथ-साथ प्रधानमंत्री की पारदर्शी और जनसेवा आधारित कार्यशैली की भी पुष्टि करती है।