त्रिपुरा के दक्षिणी क्षेत्र में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास शुक्रवार तड़के तस्करी की कोशिश को नाकाम करते हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने दो संदिग्ध बांग्लादेशी तस्करों को गोली मार दी। यह घटना अमजदनगर इलाके में उस समय हुई जब बीएसएफ जवानों ने संदिग्ध गतिविधियों को रोकने का प्रयास किया। अधिकारियों के अनुसार, तस्कर हिंसक हो गए, जिसके बाद जवानों ने आत्मरक्षा में गोली चलाई।
बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि गोलीबारी में तीन तस्कर घायल हो गए। इनमें से एक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि दो अन्य को उनके साथी बांग्लादेश की ओर वापस ले गए। बाद में उन्हें परशुराम उपजिला स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां एक और तस्कर की मौत हो गई, जबकि तीसरे की हालत गंभीर बनी हुई है।
15 लाख रुपये की अवैध दवाएं जब्त
घटना स्थल से बीएसएफ ने 15 लाख रुपये मूल्य की अवैध दवाओं की खेप बरामद की है, जिन्हें तस्करी के ज़रिए बांग्लादेश भेजा जा रहा था। अधिकारियों के अनुसार, तस्करों के पास किसी भी प्रकार के वैध कागजात मौजूद नहीं थे।
दो भारतीय तस्कर हिरासत में
त्रिपुरा पुलिस के सहायक पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) रणधीर देबबर्मा ने पुष्टि की कि इस मामले में दो भारतीय नागरिकों को भी तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उनसे पूछताछ कर पूरे तस्करी नेटवर्क की जानकारी जुटाई जा रही है।
बीएसएफ-बांग्लादेश सीमा बल के बीच बैठक
घटना के बाद बीएसएफ ने मारे गए बांग्लादेशी तस्कर के शव को बांग्लादेश सीमा सुरक्षा बल (बीजीबी) को सौंप दिया। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच कमांडेंट स्तर की फ्लैग मीटिंग भी हुई, जिसमें बीजीबी ने गोलीबारी को लेकर चिंता जताई। बीएसएफ ने स्पष्ट किया कि सीमा पार से हो रही तस्करी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सुरक्षाबलों पर हमले की स्थिति में जवाबी कार्रवाई करना आवश्यक होता है।
सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था और सख्त
घटना के बाद बीएसएफ ने सीमा क्षेत्र में चौकसी और कड़ी कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत सीमा पर निगरानी के लिए ड्रोन, नाइट विजन कैमरे और अतिरिक्त गश्त जैसी तकनीकों का सहारा लिया जा रहा है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।