संसद रत्न पुरस्कार से नवाजे गए 17 सांसद, दो स्थायी समितियां भी हुईं सम्मानित

लोकसभा में उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए कुल 17 सांसदों को वर्ष 2025 का ‘संसद रत्न पुरस्कार’ प्रदान किया गया। इनमें एनसीपी (एसपी) की सुप्रिया सुले, भाजपा के रवि किशन, निशिकांत दुबे और शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत सहित कई प्रमुख सांसद शामिल हैं। यह पुरस्कार संसद में उनके विशेष योगदान और सक्रिय भागीदारी के लिए प्रदान किया गया है।

चार सांसदों को मिला विशेष जूरी सम्मान
इस बार चार सांसदों को विशेष जूरी पुरस्कार से भी नवाज़ा गया, जो लगातार तीन कार्यकालों के दौरान उनके संसदीय लोकतंत्र में योगदान को मान्यता देने के लिए दिया गया। इनमें ओडिशा से भाजपा के भर्तृहरि महताब, केरल से क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी के नेता एन. के. प्रेमचंद्रन, महाराष्ट्र से सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीरंग अप्पा बारणे शामिल हैं।

इन सांसदों को भी मिला सम्मान
अन्य सम्मानित सांसदों में भाजपा की स्मिता उदय वाघ, कांग्रेस की वर्षा गायकवाड़, भाजपा की मेधा कुलकर्णी, शिवसेना के नरेश म्हस्के, भाजपा के प्रवीण पटेल, विद्युत बरन महतो और दिलीप सैकिया का नाम भी शामिल है। सभी सांसदों को उनके प्रभावी प्रश्नों, बहसों और संसदीय कार्यों के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया।

दो स्थायी समितियाँ भी हुईं सम्मानित
इस वर्ष दो संसदीय स्थायी समितियों को भी उनके उत्कृष्ट कार्य और विधायी निगरानी के लिए सम्मानित किया गया। इनमें भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता वाली वित्त पर स्थायी समिति और डॉ. चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली कृषि संबंधी स्थायी समिति शामिल हैं। इन समितियों को रिपोर्टों की गुणवत्ता और संसद में उनकी भूमिका के लिए सराहा गया।

क्या है संसद रत्न पुरस्कार?
प्राइम पॉइंट फाउंडेशन द्वारा 2010 में शुरू किया गया ‘संसद रत्न पुरस्कार’ उन सांसदों को दिया जाता है, जो संसद में जनता से जुड़े विषयों को प्रभावी ढंग से उठाते हैं और विधायी प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। पुरस्कार चयन एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जूरी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। 2025 की जूरी की अध्यक्षता पूर्व केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर ने की।

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