सहारनपुर। दो दिन पहले भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन) ने डीआईओएस कार्यालय के आशुलिपिक (स्टेनो) को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। अब उसे मेडिकल जांच के लिए जिस गाड़ी में लाया गया, वह भाजपा का झंडा लगी कार थी। यह पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद हो गया और उसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में आरोपी को बिना हथकड़ी के देखा जा सकता है।
नकुड़ के गांव तिरपड़ी निवासी ईश्वर चंद ने शिकायत दी थी कि डीआईओएस कार्यालय में तैनात स्टेनो अजय कुमार यू-डायस पोर्टल पर छात्र प्रवेश से जुड़ा डेटा इंपोर्ट करने के बदले में घूस की मांग कर रहा है। शिकायत के बाद एंटी करप्शन टीम ने कार्रवाई करते हुए 25 जुलाई को उसे कार्यालय में ही पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया था।
गिरफ्तारी के बाद आरोपी का उसी दिन मेडिकल परीक्षण कराया गया और फिर उसे थाने में रखा गया। लेकिन अगले दिन शनिवार को उसे एक काली रंग की गाड़ी में अस्पताल ले जाया गया, जिस पर भाजपा का स्टिकर साफ देखा जा सकता है। हैरानी की बात यह रही कि आरोपी को न तो हथकड़ी लगाई गई और न ही पुलिस ने कोई सख्ती दिखाई। वीडियो में आरोपी लोअर और टी-शर्ट में नजर आ रहा है, जबकि आसपास कुछ पुलिसकर्मी और कुछ सादे कपड़ों में लोग भी दिख रहे हैं।
पुलिस पर फिर उठे सवाल
यह पहला मामला नहीं है जब पुलिस पर वीआईपी ट्रीटमेंट देने का आरोप लगा हो। हाल ही में एसएसपी आशीष तिवारी ने एक मामले में आरोपियों को निजी वाहन से कोर्ट ले जाने पर पांच पुलिसकर्मियों को लाइनहाजिर किया था। इसके बावजूद पुलिसकर्मियों की कार्यप्रणाली में कोई खास बदलाव नजर नहीं आ रहा। ताजा मामले ने एक बार फिर विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।