संसद के मानसून सत्र में सोमवार को लोकसभा और मंगलवार को राज्यसभा में पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर अहम बहस होने जा रही है। इस बहस से पहले कांग्रेस ने सरकार को घेरने की रणनीति तेज कर दी है। रविवार को पार्टी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़े उन पहलुओं को उजागर किया, जो अब तक सुर्खियों में तो रहे, लेकिन संसद में औपचारिक रूप से नहीं उठाए गए।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के माध्यम से बताया कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के तुरंत बाद पार्टी ने विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी, लेकिन सरकार की ओर से तब कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि अब लोकसभा और राज्यसभा में क्रमशः 16 घंटे की चर्चा हो रही है, जो देर से सही, पर जरूरी है।
सीडीएस की टिप्पणी से लेकर वायुसेना को नुकसान तक
रमेश ने बताया कि 30 मई को सिंगापुर में आयोजित एक कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने यह स्वीकार किया था कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के शुरुआती दो दिन रणनीतिक स्तर पर गंभीर चूकें हुई थीं। वहीं, 29 जून को इंडोनेशिया में भारतीय रक्षा अधिकारी ग्रुप कैप्टन शिव कुमार ने यह संकेत दिया था कि राजनीतिक दखल के कारण अभियान प्रभावित हुआ और भारतीय वायुसेना को भी क्षति पहुंची।

चीन से तनाव और जम्मू-कश्मीर एलजी की स्वीकारोक्ति
उन्होंने आगे बताया कि 4 जुलाई को डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने खुलासा किया कि इस अभियान के दौरान भारत को चीन के साथ तकनीकी और सामरिक चुनौती का भी सामना करना पड़ा। वहीं, 14 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार किया कि पहलगाम में हुआ आतंकी हमला सुरक्षा एजेंसियों की विफलता का परिणाम था और इसकी जिम्मेदारी उन्होंने खुद ली।
ट्रंप के दावे और अमेरिका-पाक संबंधों पर सवाल
कांग्रेस ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान को भी बहस में लाने की बात कही, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारत पर व्यापारिक दबाव बनाकर उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को रुकवाया था। पार्टी ने यह भी सवाल उठाए कि अमेरिकी प्रशासन द्वारा पाकिस्तान के सेना प्रमुख को लंच पर बुलाना और पाक की आतंकवाद विरोधी भूमिका की प्रशंसा करना भारत की सुरक्षा चिंताओं को कैसे प्रभावित करता है।
मीडिया की भूमिका पर भी उठे सवाल
पार्टी ने ऑपरेशन के दौरान मीडिया कवरेज पर भी सवाल खड़े किए और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री कार्यालय के मीडिया प्रबंधकों ने एकतरफा और गढ़ी हुई कहानी देश के सामने रखी, जो सिर्फ घरेलू दर्शकों को ध्यान में रखकर बनाई गई थी। जयराम रमेश ने कहा कि अब जबकि संसद में आधिकारिक चर्चा होने जा रही है, विपक्ष पूरी तैयारी के साथ सरकार से जवाब मांगेगा।