देशभर में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य, जिन्हें पूकी बाबा के नाम से भी जाना जाता है, महिलाओं को लेकर की गई अपनी टिप्पणी के चलते चौतरफा आलोचना का सामना कर रहे हैं। हाल ही में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान दिए गए उनके बयान की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसके बाद महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
विवादित वीडियो में अनिरुद्धाचार्य कहते सुनाई देते हैं कि “25 साल की लड़की चार जगह मुंह मार चुकी होती है।” इस टिप्पणी के सामने आने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में उनके खिलाफ प्रदर्शन हुए, पुतले जलाए गए और कानूनी शिकायतें भी दर्ज कराई गईं। बाबा ने बाद में सफाई देते हुए कहा कि उनकी बात कुछ खास महिलाओं को लेकर थी, सभी पर नहीं थी, और यदि किसी को ठेस पहुंची है तो वे क्षमा मांगते हैं।
पूर्व में भी विवादित बयान दे चुके हैं बाबा
यह पहली बार नहीं है जब अनिरुद्धाचार्य अपने बयानों को लेकर विवादों में आए हों। इससे पहले उन्होंने एक युवती की घटना का हवाला देते हुए कहा था कि “वो हनीमून पर लड़के के साथ गई थी लेकिन पहले किसी और के साथ रह चुकी थी।” उनका कहना था कि ऐसी लड़कियां जब बहू बनती हैं तो रिश्ते निभा नहीं पातीं।
एक अन्य पुराने वीडियो में उन्होंने कहा था, “नजरें और कपड़े दोनों जिम्मेदार होते हैं।” इस बयान के दौरान उन्होंने एक काल्पनिक उदाहरण देते हुए कहा कि कम कपड़े पहनने वाली लड़की को देखकर लड़का बहक गया, और फिर उसने आसपास की किसी भी लड़की के साथ दुर्व्यवहार किया। उन्होंने सवाल उठाया कि इसमें दोषी कौन था—लड़का या लड़की?
महिलाओं को लेकर सोच पर उठे सवाल
बाबा महिलाओं के कामकाजी जीवन को लेकर भी कई बार बयान दे चुके हैं। एक वीडियो में वह कहते हैं कि “जो महिला पति से झगड़ा करती है, वह थर्ड ग्रेड महिला है।” उन्होंने सुझाव दिया कि अगर पुरुष घर चलाने में सक्षम है, तो महिलाओं को घर में ही रहना चाहिए। जब एक महिला ने कहा कि वह अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है, तो बाबा ने जवाब दिया—“पति के पैरों पर खड़ी रहो।”
इसके अलावा एक वायरल क्लिप में बाबा एक महिला से पूछते हैं, “कितने पति हैं?” और फिर कहते हैं, “अगर एक ही है, तो ठीक है।” बाबा ने यह भी कहा कि पुरुषों को अकेले में अपनी मां, बहन या बेटी के साथ भी नहीं रहना चाहिए।
“बेटियां फिल्में देखने जाती हैं और फिर उनके टुकड़े होते हैं”
साल 2022 में एक और बयान में अनिरुद्धाचार्य ने कहा था कि “पहले बेटियां पढ़ाई के बहाने घर से निकलती हैं, फिर फिल्म देखने जाती हैं और बाद में उनका हाल 35 टुकड़े जैसा होता है।” उन्होंने इसका समाधान बताते हुए कहा कि लड़कियों को ‘संस्कारवान’ बनाना चाहिए।
अन्य धर्मगुरुओं के भी रहे हैं विवादित बयान
अनिरुद्धाचार्य अकेले नहीं हैं जो महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां कर चुके हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वे कहते हैं, “अगर मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र न हो, तो लगता है जैसे प्लॉट खाली है।” इस टिप्पणी पर भी व्यापक विरोध हुआ था।
स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने भी 2016 में कहा था कि शनि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश से बलात्कार जैसी घटनाएं बढ़ेंगी।
इस्लामिक धर्मगुरुओं के भी ऐसे बयान सामने आए हैं। पाकिस्तानी मौलाना तारिक जमील ने 2020 में कहा था कि “कोरोना वायरस महिलाओं की अश्लीलता और उनके पहनावे की वजह से फैला।” वहीं, मौलाना जरजिस अंसारी का एक वायरल वीडियो बताता है कि वे महिलाओं से उम्मीद करते हैं कि वे हर समय पति के लिए तैयार रहें, सजें-संवरें, अन्यथा उन्हें पति से शिकायत करने का अधिकार नहीं।
महिला श्रोता सबसे बड़ी संख्या में मौजूद
विडंबना यह है कि इन तमाम विवादास्पद बयानों के बावजूद इन बाबाओं और मौलानाओं के आयोजनों में सबसे अधिक संख्या में महिलाएं ही श्रोता के रूप में उपस्थित रहती हैं। हालांकि, अब जागरूकता बढ़ने के साथ महिलाएं इन बयानों के खिलाफ खुलकर बोलने लगी हैं और कानूनी कार्रवाई की मांग भी कर रही हैं।
अनिरुद्धाचार्य के बयान ने इस बहस को और तीखा कर दिया है कि धार्मिक मंचों से महिलाओं को लेकर इस तरह की टिप्पणियां किस हद तक जायज़ हैं और ऐसे वक्तव्यों पर कार्रवाई की सीमा क्या होनी चाहिए।