ककार पहनने पर आरजेएस परीक्षा से रोकी गई सिख छात्रा, भड़के सुखबीर बादल

राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा (RJS) में पंजाब की एक सिख युवती को परीक्षा केंद्र में धार्मिक प्रतीकों के कारण प्रवेश नहीं दिए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। तरनतारन की गुरप्रीत कौर को जयपुर स्थित पूर्निमा यूनिवर्सिटी में परीक्षा देने से इसलिए रोका गया क्योंकि उन्होंने सिख धर्म से जुड़ी आस्था के प्रतीक कड़ा और कृपाण पहने हुए थे।

इस घटना को लेकर पंजाब में तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने इसे सिख धर्म की धार्मिक स्वतंत्रता का हनन बताया है, वहीं शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का सीधा उल्लंघन करार दिया है।

सुखबीर बादल ने मुख्यमंत्री से की कार्रवाई की मांग

सुखबीर बादल ने कहा कि कड़ा और कृपाण सिर्फ धातु के प्रतीक नहीं, बल्कि सिख धर्म की पहचान और आस्था के मूल आधार हैं। उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की अपील की है। साथ ही राजस्थान उच्च न्यायालय से अनुरोध किया है कि गुरप्रीत कौर को परीक्षा में बैठने का दोबारा अवसर दिया जाए ताकि उनके धार्मिक अधिकारों और संवैधानिक स्वतंत्रता की रक्षा सुनिश्चित हो सके।

चीफ खालसा दीवान और AAP नेताओं ने भी जताई नाराजगी

चीफ खालसा दीवान के अध्यक्ष और विधायक डॉ. इंद्रवीर सिंह निज्जर ने भी घटना की निंदा करते हुए कहा कि एक स्वतंत्र देश में किसी को उसकी धार्मिक पहचान के आधार पर परीक्षा देने से रोकना निंदनीय है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि सिख विद्यार्थियों को ककार पहनकर परीक्षाओं में बैठने की अनुमति दी जाए।

आम आदमी पार्टी नेता डॉ. सनी अहलूवालिया ने भी इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि जिन अधिकारियों ने युवती को परीक्षा से रोका, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने भी पीड़िता को दोबारा परीक्षा का अवसर देने की मांग की है।

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