युद्ध अब केवल बंदूकों से नहीं, समय पर आपूर्ति से जीते जाते हैं: रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के हवाले से लॉजिस्टिक्स के महत्व पर बल देते हुए कहा कि आधुनिक युद्ध केवल हथियारों और गोलियों से नहीं, बल्कि संसाधनों की समयबद्ध आपूर्ति से जीते जाते हैं। उन्होंने यह बात वडोदरा स्थित गति शक्ति विश्वविद्यालय (GSV) के दीक्षांत समारोह को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कही।

राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने यह साबित कर दिया कि जब विभिन्न एजेंसियां समन्वित ढंग से लॉजिस्टिक्स का प्रबंधन करती हैं और जरूरत की वस्तुएं समय पर और सही स्थान पर पहुंचाई जाती हैं, तो यह किसी भी सैन्य अभियान की सफलता में निर्णायक भूमिका निभाती हैं।

लॉजिस्टिक्स केवल आपूर्ति नहीं, रणनीतिक संसाधन

रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि लॉजिस्टिक्स को केवल वस्तुएं पहुंचाने की प्रक्रिया के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि यह रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि चाहे वह सीमाओं पर डटे सैनिक हों या आपदा राहत कार्य में लगे कर्मी—यदि संसाधनों का समुचित क्रियान्वयन और समन्वय नहीं होगा तो मजबूत इच्छाशक्ति भी निष्क्रिय हो सकती है।

राजनाथ सिंह ने कहा, “लॉजिस्टिक्स वह शक्ति है जो अव्यवस्था को व्यवस्था में बदलने का कार्य करती है। इसकी ताकत समय पर सही प्रबंधन में छिपी होती है।” उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध, प्राकृतिक आपदा या वैश्विक संकट की स्थिति में जिन देशों की लॉजिस्टिक्स व्यवस्था सुदृढ़ होती है, वे ही स्थायित्व और सामर्थ्य के प्रतीक बनते हैं।

11 वर्षों में बुनियादी ढांचे में ऐतिहासिक प्रगति

उन्होंने बताया कि पिछले एक दशक में देश के बुनियादी ढांचे में व्यापक सुधार हुआ है। नीतिगत बदलावों और मिशन मोड में चलाई गई परियोजनाओं ने इस परिवर्तन को गति दी है। इसके परिणामस्वरूप न केवल भौतिक कनेक्टिविटी में वृद्धि हुई है, बल्कि लॉजिस्टिक्स लागत में भी गिरावट आई है और सेवा वितरण की गुणवत्ता में सुधार आया है।

‘पीएम गतिशक्ति’ केवल योजना नहीं, एक दृष्टिकोण है

रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अंतर्गत रेलवे, सड़क, बंदरगाह, हवाई अड्डे, जलमार्ग, जन परिवहन और लॉजिस्टिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे सात प्रमुख घटक मिलकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रहे हैं। यह केवल एक योजना नहीं, बल्कि भारत के समग्र विकास का दृष्टिकोण है।

2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य के लिए स्मार्ट लॉजिस्टिक्स जरूरी

राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति का उद्देश्य देश की लॉजिस्टिक्स लागत को मौजूदा 13–14 प्रतिशत से घटाकर वैश्विक मानकों तक लाना है। इससे न केवल भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, बल्कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत की स्थिति भी मजबूत होगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना है, तो हमें स्मार्ट और प्रभावी लॉजिस्टिक्स प्रणाली विकसित करनी होगी।

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