भारतीय टेस्ट टीम के युवा कप्तान शुभमन गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ जारी सीरीज में एक और धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए मैनचेस्टर टेस्ट की दूसरी पारी में शानदार शतक जड़ा। उनकी इस पारी ने न केवल भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया, बल्कि एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज करा दिया। यह इस सीरीज में गिल का चौथा शतक है।
गिल ने ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर 35 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद शतक लगाने वाले पहले भारतीय बनकर इतिहास रच दिया। इससे पहले इस मैदान पर आखिरी शतक 1990 में महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने लगाया था। खास बात यह है कि कप्तान के रूप में इस मैदान पर किसी भारतीय द्वारा पिछला शतक मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 1990 में लगाया था। गिल ने दोनों रिकॉर्डों को एक साथ तोड़ते हुए एक नई मिसाल कायम की है।
दबाव में दिखाया धैर्य, फिर खेला विस्फोटक अंदाज
दूसरी पारी में भारत की शुरुआत खराब रही और शुरुआती झटकों से टीम दबाव में आ गई थी। लेकिन शुभमन गिल ने मोर्चा संभालते हुए धैर्यपूर्वक बल्लेबाजी की और बाद में अपने क्लासिकल शॉट्स से इंग्लैंड के गेंदबाजों को पूरी तरह बैकफुट पर ला दिया। उन्होंने अपनी सेंचुरी 228 गेंदों में पूरी की, जिसमें कई आकर्षक कवर ड्राइव, बैकफुट पंच और लॉफ्टेड स्ट्रोक्स शामिल रहे।
एक सीरीज में सबसे ज्यादा रन, बड़े दिग्गजों की बराबरी
गिल ने इस सीरीज में अपने प्रदर्शन के दम पर एक और कीर्तिमान स्थापित किया। उन्होंने एक टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड के खिलाफ सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। इससे पहले यह रिकॉर्ड यशस्वी जायसवाल के नाम था, जिन्होंने 2024 में इंग्लैंड के खिलाफ 712 रन बनाए थे। गिल अब इस आंकड़े को पार कर चुके हैं।
इतना ही नहीं, शुभमन गिल अब डॉन ब्रैडमैन और सुनील गावस्कर जैसे महान खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने एक टेस्ट सीरीज में बतौर कप्तान चार शतक जमाए हैं। युवा उम्र में यह उपलब्धि गिल के नेतृत्व कौशल और बल्लेबाजी क्षमता का स्पष्ट प्रमाण है।