उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि विभाग में अनुशासनहीनता और उपेक्षित रवैये को अब किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पॉवर कॉरपोरेशन के चेयरमैन से लेकर क्षेत्रीय स्तर तक हर अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी, और प्रदेश के विकास में बाधा बनने वाले कार्मिकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बस्ती के अधीक्षण अभियंता निलंबित
ऊर्जा मंत्री के अनुसार, बस्ती जिले में उपभोक्ताओं से अमर्यादित भाषा में बात करने के मामले में अधीक्षण अभियंता प्रशांत सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उन्हें वाराणसी स्थित अधीक्षण अभियंता कार्यालय से संबद्ध किया गया है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस प्रकार का व्यवहार दोहराने वालों के विरुद्ध आगे भी कठोर कदम उठाए जाएंगे।
सरकार की मंशा स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी उपभोक्ताओं से दुर्व्यवहार करते हैं, शिकायतों का समाधान नहीं करते या अपने कार्यों में लापरवाही बरतते हैं, उन्हें चिह्नित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ‘उपभोक्ता देवो भवः’ के सिद्धांत पर कार्य कर रही है।
अब नहीं चलेगा बहानों का सहारा
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य सभी उपभोक्ताओं को तय समयानुसार, गुणवत्तापूर्ण और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना है। अब विभागीय कर्मचारियों द्वारा की जाने वाली बहानेबाजी, बार-बार ट्रिपिंग, लो वोल्टेज, अनावश्यक कटौती और बिना कारण शटडाउन को कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि बीते तीन वर्षों में बिजली व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए 26 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं पूरी की गई हैं। इसके बावजूद, कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते विभाग की छवि धूमिल हो रही है, जिसे अब किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।