नई दिल्ली। लोकसभा में सोमवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर होने वाली चर्चा से पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष से संयम बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए, जिन्हें पाकिस्तान या भारत विरोधी तत्व अपने हित में इस्तेमाल कर सकें।
“पाकिस्तानी सोच को न दें बल”: रिजिजू
रिजिजू ने विशेष तौर पर कांग्रेस को संबोधित करते हुए कहा, “मैं विपक्ष से निवेदन करता हूं कि वे कुछ ऐसा न कहें जिससे भारत के हितों को आघात पहुंचे या पाकिस्तान को राजनीतिक लाभ मिले। भारतीय सशस्त्र बलों की प्रतिष्ठा बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। विपक्ष को यह समझना चाहिए कि उनके कुछ वक्तव्यों का इस्तेमाल भारत विरोधी शक्तियां कर सकती हैं।”
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर बहस
संसद के मानसून सत्र के दौरान सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विस्तृत चर्चा होनी है। इसके लिए 16 घंटे का समय निर्धारित किया गया है। बहस के दौरान संसद में तीखी नोंकझोंक की आशंका जताई जा रही है।
चिदंबरम के बयान से मचा सियासी बवाल
वहीं, चर्चा से पहले कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम के एक बयान ने राजनीतिक हलकों में विवाद खड़ा कर दिया है। एक साक्षात्कार में उन्होंने सवाल उठाया कि “क्या पहलगाम हमले के आतंकी वास्तव में पाकिस्तान से आए थे? क्या इसके पर्याप्त प्रमाण हैं?” उन्होंने आशंका जताई कि हमले में घरेलू आतंकियों की भूमिका भी हो सकती है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में हुए नुकसान की जानकारी छिपाने का आरोप लगाया।
चिदंबरम ने कहा, “लड़ाई में दोनों पक्षों को क्षति होती है। ब्रिटेन ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हर दिन नुकसान की सूचना दी। भारत सरकार को भी पारदर्शिता रखनी चाहिए, न कि सबकुछ छुपाना।” उनके इस बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और कांग्रेस पर राष्ट्रविरोधी ताकतों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।