वृंदावन के कुछ संत इन दिनों अपने विवादित बयानों के चलते लगातार सुर्खियों में हैं। हाल ही में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के महिलाओं को लेकर दिए बयान ने व्यापक नाराज़गी पैदा कर दी थी, जिस पर महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया। अब एक और संत, प्रेमानंद महाराज का कथन चर्चा में है। उनका कहना है कि “आजकल 100 में से केवल 2-4 लड़कियां ही पवित्र रह गई हैं, बाकी सभी गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड के चक्कर में हैं।”
बताया जा रहा है कि यह बयान उन्होंने एक निजी बातचीत में दिया था, लेकिन उसका वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर व्यापक विरोध शुरू हो गया। लोग सवाल उठा रहे हैं कि संतों को आखिर महिलाओं पर ऐसी टिप्पणियां करने की आवश्यकता क्यों महसूस होती है।
समाज से उठ रही तीखी प्रतिक्रियाएं
कथावाचक कौशल ठाकुर ने इस तरह की भाषा को सनातन धर्म की गरिमा के विपरीत बताया और कहा कि संतों को संयमित व्यवहार करना चाहिए। वहीं कारोबारी रवि चौहान का कहना है कि नारी शक्ति का अपमान करने वाले बयान न केवल असंवेदनशील हैं बल्कि समाज को ग़लत दिशा में ले जाते हैं। उन्होंने कहा, “जिस नारी से जीवन की शुरुआत होती है, उसी के खिलाफ बोलना निंदनीय है।”
कई लोग इसे सोशल मीडिया पर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश मान रहे हैं और संतों से जिम्मेदारीपूर्ण आचरण की अपेक्षा कर रहे हैं।
अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ दी गई शिकायत
इस विवाद के बीच कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ ई-रिक्शा संचालन समिति के सदस्य ताराचंद गोस्वामी ने वृंदावन कोतवाली में शिकायत दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है।