पंजाब में अब कुत्ते के काटने पर भी मुफ्त इलाज: मोहल्ला क्लीनिक में मिलेगा एंटी-रेबीज इंजेक्शन

पंजाब में लोगों की सेहत को प्राथमिकता देते हुए राज्य सरकार ने एक और अहम पहल की है। अब कुत्ते के काटने जैसी आपात स्थिति में लोगों को न तो महंगे निजी अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़ेंगे और न ही सरकारी अस्पतालों में लंबी कतारों का सामना करना पड़ेगा। पूरे राज्य में मोहल्ला क्लीनिकों के माध्यम से एंटी-रेबीज इंजेक्शन पूरी तरह निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। यह पहल सरकार की उस प्रतिबद्धता का हिस्सा है जिसमें स्वास्थ्य को हर नागरिक का अधिकार और उसे उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी माना गया है।

अब तक यह सुविधा केवल जिला और उपमंडल अस्पतालों तक सीमित थी, लेकिन अब मोहल्ला क्लीनिकों को इस स्तर की आपात चिकित्सा सेवाएं देने में सक्षम बनाया गया है। निजी अस्पतालों में जहां एक एंटी-रेबीज डोज की कीमत ₹350 से ₹800 तक होती है और पूरा कोर्स ₹2000 से ₹4000 तक का पड़ता है, वहीं अब यह संपूर्ण उपचार मोहल्ला क्लीनिकों में एक रुपये भी खर्च किए बिना उपलब्ध होगा।

फेजवाइज टीकाकरण अभियान की शुरुआत
इसके साथ ही राज्य सरकार एक चरणबद्ध मुफ्त टीकाकरण अभियान भी शुरू कर रही है ताकि समय पर इलाज न मिल पाने की वजह से कोई भी व्यक्ति पीछे न रह जाए। इस समय प्रदेश में 880 से अधिक आम आदमी क्लीनिक सक्रिय हैं, जिनमें से 565 ग्रामीण क्षेत्रों में और 316 शहरी इलाकों में कार्यरत हैं। इनकी संख्या और सेवाओं का विस्तार लगातार किया जा रहा है।

इन क्लीनिकों में पहले से ही मुफ्त डॉक्टर परामर्श, 100 से अधिक आवश्यक जांच और 107 तरह की आवश्यक दवाइयां मुहैया कराई जा रही हैं। यहां डायग्नोस्टिक टेस्ट, टाइफाइड, एचबीए1सी, हेपेटाइटिस, डेंगू, एचआईवी, प्रेगनेंसी टेस्ट और अल्ट्रासाउंड जैसी जांचें भी पूरी तरह मुफ्त की जा रही हैं। अब इन सुविधाओं में जीवन रक्षक इंजेक्शन भी जोड़े जा रहे हैं। इलाज कराने वालों में महिलाओं की भागीदारी 56% है, जबकि पुरुषों की 44%। वहीं, बुजुर्गों की हिस्सेदारी 25% और बच्चों की 18% है।

हर नागरिक को 10 लाख तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा
अब तक राज्य में 1.5 करोड़ से अधिक डायग्नोस्टिक टेस्ट निशुल्क किए जा चुके हैं, जिससे आम लोगों को हजारों करोड़ रुपये की बचत हुई है। पंजाब देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने अपने हर नागरिक को 10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज कवर देने का निर्णय लिया है। इससे अब कोई गरीब, किसान, मजदूर या मध्यम वर्गीय व्यक्ति इलाज के लिए कर्ज लेने को मजबूर नहीं होगा, क्योंकि सारा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।

यह बीमा योजना निजी कंपनियों जैसी नहीं है जिसमें जटिल शर्तें और दस्तावेजों की बाध्यता होती है। इसका प्रीमियम सरकार खुद दे रही है और मरीजों को सीधे लाभ मिल रहा है। पंजाब में अब इलाज किसी पर बोझ नहीं, बल्कि उसका अधिकार बन गया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि सेहत को लेकर उसकी नीयत और नीति दोनों साफ हैं—हर पंजाबी को बेहतर इलाज मिलेगा, चाहे वह गांव में हो या शहर में, संपन्न हो या जरूरतमंद।

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