कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशन्या द्विवेदी ने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के प्रस्ताव का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि जब एक ओर देश आतंकियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चला रहा है, तो दूसरी ओर पड़ोसी देश के साथ क्रिकेट मुकाबला कैसे खेला जा सकता है। ऐशन्या ने इस फैसले को असंवेदनशील बताया और कहा कि शोक की घड़ी में किसी भी तरह का मनोरंजन स्वीकार्य नहीं है।
परिजनों का कहना है कि क्रिकेट एक खेल भर है, जो आमतौर पर मनोरंजन का साधन होता है, लेकिन पहलगाम जैसी दर्दनाक घटना के बाद यह किसी भी रूप में उचित नहीं ठहराया जा सकता। पूरा परिवार बीसीसीआई के इस निर्णय से आहत है और इसका विरोध कर रहा है।
गौरतलब है कि पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई थी, जिनमें सबसे पहले गोलीबारी का शिकार कानपुर निवासी शुभम द्विवेदी हुए थे।
‘क्या इतनी जल्दी हमें भुला दिया गया?’
शुभम की पत्नी ऐशन्या ने सवाल किया कि क्या महज तीन महीने में देश उन शहीदों और पीड़ितों को भूल गया? उन्होंने कहा, “जिस देश ने हमारे अपनों की जान ली, उसी के साथ खेला जाना वाला मैच क्या हमें और भी आहत नहीं करेगा? एक तरफ देश भर में ऑपरेशन सिंदूर चलाया जा रहा है और दूसरी तरफ उसी देश के साथ मैदान साझा करने की तैयारी है, यह कैसे स्वीकार किया जा सकता है?”
‘क्रिकेट नहीं, संवेदना ज़रूरी’
शुभम के चाचा मनोज द्विवेदी ने भी स्पष्ट कहा कि क्रिकेट एक खेल जरूर है, लेकिन इस समय ऐसा कोई आयोजन दुख की भावना को ठेस पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि शुभम के पिता भी इस फैसले से बेहद दुखी हैं। “तीन महीने पहले हुए इतने बड़े आतंकी हमले को क्या इतनी जल्दी भुला दिया गया?” उन्होंने सवाल किया।
परिजनों ने बीसीसीआई से मांग की है कि वह ऐसे फैसलों पर दोबारा विचार करे, ताकि शहीदों के परिवारों की भावनाओं को आहत न किया जाए।