पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए परिवहन विभाग में बड़ी कार्रवाई की है। शिकायतों के आधार पर विभाग के 11 कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कदम उठाए गए हैं। इनमें 9 डाटा एंट्री ऑपरेटर और सिक्योरिटी गार्ड्स को सेवा से हटा दिया गया है, जबकि एक वरिष्ठ सहायक को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही एक क्लर्क को सस्पेंड किया गया है और डिप्टी स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
परिवहन मंत्री लालजीत भुल्लर के निर्देश पर यह कदम उठाया गया। विभाग में लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान अवैध वसूली की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। मंत्री ने पूर्व में संबंधित अधिकारियों को फोन पर चेतावनी भी दी थी, लेकिन सुधार न होने पर सोमवार को सख्त कार्रवाई की गई।
जिन कर्मचारियों के खिलाफ कदम उठाया गया है, उनमें वरिष्ठ सहायक पवन कुमार को लापरवाही के चलते निलंबित किया गया है। आदेशानुसार, निलंबन अवधि में उन्हें मुख्यालय में ही उपस्थित रहना होगा। वहीं, डिप्टी राज्य परिवहन आयुक्त मनजीत सिंह से 15 दिनों के भीतर आरोपों पर जवाब मांगा गया है। नोटिस में पंजाब सिविल सर्विसेज (सजा और अपील) नियम 1970 के तहत आगे की विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
सेवा समाप्त किए गए डाटा एंट्री ऑपरेटर और गार्डों में ऊंकार सिंह, गुरसाहिब सिंह, हरप्रीत सिंह, गुरप्रीत सिंह बेदी, परमिंदर सिंह, विजय गुरंग, विक्रमजीत सिंह, संजीप कुमार और अजय कुमार शामिल हैं। विभाग के सूत्रों के अनुसार, यह सभी कर्मचारी लाइसेंस व आरसी प्रक्रिया के दौरान रिश्वत लेने में शामिल पाए गए थे।
सरकार ने स्पष्ट संकेत दिया है कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आगे भी इस तरह की शिकायतों पर कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।