जयपुर के लालकोठी क्षेत्र स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, अवधपुरी की जर्जर इमारत लंबे समय से मरम्मत की बाट जोह रही है। हालांकि स्कूल के भवन की मरम्मत के लिए बजट स्वीकृत हो चुका है, लेकिन जमीन के स्वामित्व को लेकर मंदिर समिति और विद्यालय प्रशासन के बीच जारी विवाद के कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है। नतीजतन, कक्षा 1 से 8 तक की छात्राएं खतरे के साये में पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
विद्यालय की प्रधानाचार्य मधु कुमावत के अनुसार, शिक्षा विभाग द्वारा करीब 8 लाख रुपये का बजट मंजूर किया गया है और निर्माण सामग्री भी स्कूल परिसर में पहुंच चुकी है। लेकिन स्थानीय मंदिर समिति ने काम रुकवा दिया है, यह कहते हुए कि जिस भूमि पर विद्यालय संचालित हो रहा है, वह उनकी संपत्ति है।
प्रधानाचार्य का दावा है कि स्कूल प्रशासन के पास पिछले 50 वर्षों से भवन के संचालन से जुड़े दस्तावेज मौजूद हैं, जो यह दर्शाते हैं कि यह जमीन लंबे समय से सार्वजनिक उपयोग में रही है। उल्लेखनीय है कि झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद राज्य सरकार ने सभी जिलों को निर्देशित किया था कि जर्जर इमारतों में बच्चों को न पढ़ाया जाए। इसके बावजूद अवधपुरी स्कूल में स्थिति जस की तस बनी हुई है।
मंदिर समिति न तो भवन खाली कराने की दिशा में सक्रिय है, न ही मरम्मत कार्य की अनुमति दे रही है, जिससे विद्यालय प्रशासन असहाय महसूस कर रहा है। यह स्थिति अब सिर्फ जमीन के स्वामित्व का नहीं, बल्कि छात्राओं की सुरक्षा और शिक्षा के अधिकार का गंभीर मामला बन चुकी है।
प्रधानाचार्य कुमावत ने बताया कि पूरे घटनाक्रम से उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है और अब प्रशासनिक हस्तक्षेप का इंतजार है। स्थानीय नागरिक भी इस हालात को लेकर चिंतित हैं और जल्द समाधान की मांग कर रहे हैं।