देवास जिले के शुक्रवासा ग्रामीण क्षेत्र में ट्री हाउस के भीतर ‘हाउल क्लब’ नाम से गतिविधियां संचालित करने वाला सौरभ बैनर्जी इन दिनों पुलिस हिरासत में है। पूछताछ के दौरान पुलिस ने उसकी व्यक्तिगत जानकारियों से लेकर बैंक खातों तक की छानबीन की है। जांच में सामने आया है कि सौरभ खुद को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का रिश्तेदार बताकर आदिवासी समुदाय में प्रभाव जमाने की कोशिश करता था।
पुलिस को उसकी चार अलग-अलग बैंकों में चल रहे खातों की जानकारी मिली है। इनमें से पंजाब नेशनल बैंक के खाते में जून 2024 से जुलाई 2025 के बीच हर महीने एक से डेढ़ लाख रुपये आने के प्रमाण मिले हैं। साथ ही आदिवासी दिवस से पहले, 8 अगस्त को करीब ढाई लाख रुपये खाते में ट्रांसफर हुए थे। इसके अलावा, सौरभ इंदौर में दो मकान किराए पर देता है। उसकी पत्नी और दो बच्चे इंदौर में रहते हैं, जबकि उसकी मां एक अन्य मकान में अलग निवास करती हैं। सौरभ खुद उनसे अलग रहता है।
संगठन से जुड़ी एक युवती के परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि सौरभ ट्री हाउस में एक अन्य युवती के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा था। पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि वह सात साल पहले हांगकांग की यात्रा कर चुका है और उसके पास कार, महंगे मोबाइल और आईपैड जैसी सुविधाएं हैं।
इसके अलावा वर्ष 2010 में दिल्ली में सौरभ पर धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज हो चुका है। पुलिस की जांच में पता चला है कि उसका संगठन न तो किसी एनजीओ के रूप में पंजीकृत है और न ही उसका कोई कानूनी औपचारिक रूप से अनुमोदन मिला है।
बिना रजिस्ट्रेशन चल रहा था क्लिनिक, एक्सपायर्ड दवाएं और प्रतिबंधित इंजेक्शन जब्त
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ट्री हाउस का निरीक्षण किया, जहाँ उन्हें बिना पंजीकरण के संचालित एक क्लिनिक मिला। इस दौरान जांच दल को एक्सपायर्ड दवाइयाँ और कुछ प्रतिबंधित इंजेक्शन बरामद हुए। बताया गया कि यह संगठन वर्चुअल माध्यम से इंदौर के डॉक्टरों से ग्रामीणों का इलाज करवा रहा था, लेकिन न तो कोई लाइसेंस था और न ही स्वास्थ्य विभाग से अनुमोदन।
ट्री हाउस में एक आटा चक्की भी मिली है, जहाँ ग्रामीणों को गेहूं पिसवाने की सुविधा मुफ्त में दी जाती थी। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है और इस पूरे नेटवर्क के वित्तीय और कानूनी पहलुओं की गहनता से पड़ताल की जा रही है।