मस्जिद में अखिलेश की मौजूदगी पर विवाद, सीएम रेखा ने दिए जांच के आदेश

रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद और संसद परिसर स्थित मस्जिद के इमाम मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। सिद्दीकी ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र सौंपते हुए नदवी को इमाम पद से हटाने की मांग की है। इस शिकायत के बाद मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।

जमाल सिद्दीकी द्वारा दिए गए पत्र में उल्लेख है कि मौलाना नदवी दिल्ली वक्फ बोर्ड के अधीन आने वाली संसद मस्जिद में इमाम हैं और उन्हें प्रतिमाह 18 हजार रुपये का वेतन वक्फ बोर्ड से मिलता है।

संसद मस्जिद को लेकर शिकायत पर जांच शुरू

भाजपा नेता सिद्दीकी का आरोप है कि मौलाना नदवी इमाम पद पर रहते हुए समाजवादी पार्टी की गतिविधियों में सक्रिय हैं, जो कि धर्मस्थल की गरिमा के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि मौलाना नदवी मस्जिद को राजनीतिक मंच की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं और इसे सपा के कार्यालय की तरह प्रयोग किया जा रहा है।

क्या है विवाद का कारण?

22 जुलाई को संसद मस्जिद में एक बैठक आयोजित की गई थी जिसमें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, उनकी पत्नी और सांसद डिंपल यादव, सांसद धर्मेंद्र यादव समेत पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे। आरोप है कि मस्जिद में नमाज के बाद राजनीतिक चर्चा के साथ चाय-नाश्ता भी हुआ, जिसे इस्लामी परंपराओं के विरुद्ध बताया जा रहा है।

इस घटनाक्रम के सामने आने के बाद मस्जिद की भूमिका और धार्मिक पद पर बैठे व्यक्ति के राजनीतिक झुकाव को लेकर बहस तेज हो गई है। भाजपा नेताओं का कहना है कि यह आचरण वक्फ नियमों और धार्मिक मर्यादा दोनों के खिलाफ है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए हैं, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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