ऑपरेशन महादेव: पहलगाम हमले के तीनों आतंकी ढेर, शहीद की बेटी ने जताया संतोष

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शामिल तीनों आतंकियों को सुरक्षा बलों ने सोमवार को एक संयुक्त अभियान ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत मार गिराया। इस कार्रवाई को भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर अंजाम दिया। सेना की इस सफलता पर हमले में शहीद हुए संतोष जगदाले की बेटी असावरी जगदाले ने भावुक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मैं केंद्र सरकार और सेना की आभारी हूं। अब उन 26 निर्दोष लोगों की आत्मा को शांति मिलेगी। हमें भी अब चैन की नींद आएगी। मेरी कामना है कि भविष्य में ऐसे हमले न हों और देश में शांति बनी रहे।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को इस प्रकार के अभियान लगातार जारी रखने चाहिए।

अमित शाह ने लोकसभा में दी जानकारी

गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में इस ऑपरेशन को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि मारे गए आतंकियों की पहचान सुलेमान उर्फ फैजल, अफगान और जिब्रान के रूप में हुई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये तीनों आतंकी बैसारन घाटी में 26 नागरिकों की निर्मम हत्या में शामिल थे। शाह ने यह भी बताया कि जिन लोगों ने इन आतंकियों को आश्रय व सहायता दी थी, उन्हें पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था और शवों की पहचान इन्हीं लोगों से करवाई गई।

ऑपरेशन सिंदूर और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सख्ती

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने 6 और 7 मई की रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए नियंत्रण रेखा के पार स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर ध्वस्त किया था। इस जवाबी कार्रवाई के साथ ही भारत ने कूटनीतिक मोर्चे पर भी आक्रामक रुख अपनाया। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया के 33 देशों की राजधानियों में जाकर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष मजबूती से रखा।

इन प्रतिनिधिमंडलों ने अल्जीरिया, डेनमार्क, ब्रिटेन, इथियोपिया, फ्रांस, इटली, रूस, जापान, यूएई समेत कई देशों में यह स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम है। प्रतिनिधियों में 51 सांसदों के अलावा कई पूर्व मंत्री, राजनयिक और विदेश नीति विशेषज्ञ भी शामिल थे, जिन्होंने पाकिस्तान की नीतियों को वैश्विक मंचों पर उजागर किया।

संसद में हुई गहन चर्चा

अब संसद के मानसून सत्र में पहलगाम हमले और उसके बाद हुए सैन्य अभियानों पर विस्तार से चर्चा की जा रही है। इस चर्चा में भारत की सैन्य रणनीति, सुरक्षा नीति और कूटनीतिक प्रयासों को लेकर विभिन्न दलों ने अपने विचार प्रस्तुत किए।

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