मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में वर्ष 2024 के अंत तक 12 साल या उससे अधिक सेवा पूरी कर चुके 1,386 योग्य जल रक्षकों को जल शक्ति विभाग में पंप अटेंडेंट के पद पर नियुक्त करने को स्वीकृति दी गई।
इसके अलावा, वर्ष 2025 के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के तहत सेब को 12 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदने का निर्णय लिया गया। इसी योजना के अंतर्गत बी और सी ग्रेड के किन्नू, माल्टा, संतरा, अंकुर, कलमी और कच्चा अचारी आम भी 12 रुपये प्रति किलो और गलगल 10 रुपये प्रति किलो में खरीदे जाएंगे।
आपदा प्रबंधन को लेकर बड़े निर्णय
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडलीय उप-समिति की सिफारिशों को भी स्वीकृति दी गई। उप-समिति ने राज्य की आपदा प्रतिक्रिया प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। इसके तहत भवनों की संरचनात्मक सुरक्षा का ऑडिट कराने, भूकंप व अन्य आपदाओं से बचाव हेतु निर्माण मानकों को सख्ती से लागू करने और होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन सेवाओं तथा राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल को एचपीएसडीएमए के साथ समन्वित करने की सिफारिशें शामिल हैं।
बनखंडी प्राणी उद्यान और देहरा में नया आरटीओ कार्यालय
बैठक में कांगड़ा जिले के देहरा के बनखंडी क्षेत्र में विकसित हो रहे दुर्गेश-अरण्य प्राणी उद्यान के पहले चरण के तहत 325 पेड़ों के स्थानांतरण को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही देहरा में एक नया क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है।
स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा विस्तार
राज्यभर के जिला अस्पतालों और कुछ चयनित आदर्श स्वास्थ्य केंद्रों में कीमोथेरेपी सुविधा युक्त 18 डे केयर सेंटरों को उन्नत व सुसज्जित किया जाएगा, जिससे कैंसर मरीजों को स्थानीय स्तर पर उपचार उपलब्ध हो सके। कुल्लू जिले के तेगु-बिहार में 50 बिस्तरों वाला क्रिटिकल केयर ब्लॉक और एक जिला एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला स्थापित करने की भी मंजूरी दी गई है।
इसके अलावा, मनाली, सोलन, पांवटा, देहरा, रिकांगपिओ और हमीरपुर के अस्पतालों में क्रिटिकल केयर ब्लॉक और जिला प्रयोगशालाओं के लिए चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति भी स्वीकृत की गई।
डेयरी क्षेत्र में सुधार
दूध उत्पादन व प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए हमीरपुर के जलाड़ी में एक नया दूध शीतलन केंद्र और ऊना के झलेरा में बल्क मिल्क कूलर स्थापित किए जाएंगे। साथ ही, नाहन, नालागढ़, मोहल और रोहड़ू में नए दूध प्रसंस्करण संयंत्र खोलने को भी हरी झंडी दी गई है। हिमाचल प्रदेश दुग्ध संघ में ईआरपी सॉफ्टवेयर प्रणाली लागू कर संचालन को डिजिटलीकरण की दिशा में ले जाने का निर्णय भी लिया गया, जिससे किसानों को मोबाइल के माध्यम से जानकारी सुलभ होगी।