केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में जानकारी दी कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शामिल तीनों आतंकवादियों को मार गिराया गया है। यह कार्रवाई सुरक्षा बलों और सेना द्वारा मिलकर चलाए गए संयुक्त अभियान ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत की गई।
गृह मंत्री ने बताया कि सुरक्षाबलों ने लगातार निगरानी रखते हुए सटीक सूचना के आधार पर दाछिगाम क्षेत्र में यह ऑपरेशन चलाया। मारे गए आतंकियों की पहचान पाकिस्तान से जुड़े लश्कर-ए-तैयबा संगठन के सदस्यों के रूप में हुई है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने श्रीनगर में कहा, “मुझे नहीं पता वे कौन थे, लेकिन अगर गृह मंत्री कह रहे हैं कि यही लोग थे, तो उन्हें बधाई।” उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल की घटना में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया था।
इसी दौरान फारूक अब्दुल्ला ने 1984 की एक पुरानी राजनीतिक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जब उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाया गया था, उस समय राज्यपाल को लगा था कि वे विद्रोह करेंगे। लेकिन उन्होंने गुजरात जाकर खुद स्पष्ट किया था कि वे सत्ता के लिए कश्मीर को आग में नहीं झोंक सकते।