कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को केंद्र सरकार और विभिन्न राष्ट्रीय आयोगों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी प्रवासी लोगों के साथ हो रहे अत्याचारों पर ये संस्थाएं आंखें मूंदे रहती हैं।
बीरभूम जिले में एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब बंगाल में कोई छोटी-सी घटना घटती है, जैसे किसी को छिपकली काट ले, तो केंद्रीय आयोग तत्काल सक्रिय हो जाते हैं। लेकिन जब भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं के साथ दुष्कर्म या उन्हें जलाने जैसे गंभीर अपराध होते हैं, तब वही आयोग खामोश रहते हैं।
ममता बनर्जी ने अन्य राज्यों में काम कर रहे बंगाल के प्रवासी मजदूरों से अपील की कि वे अपने राज्य लौट आएं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अब बंगाल में उन्हें काम की कोई कमी नहीं होगी।
फर्जी वीडियो का आरोप, सुवेंदु ने की कार्रवाई की मांग
उधर, नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर दिल्ली पुलिस द्वारा एक बांग्ला भाषी महिला और उसके बच्चे की पिटाई से जुड़ा कथित फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करने का आरोप लगाया। उन्होंने इसे भ्रामक बताते हुए कहा कि ममता को भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
इस मामले को लेकर सुवेंदु अधिकारी के भाई और कांथी से भाजपा सांसद सौमेंदु अधिकारी ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस के साइबर क्राइम थाने में लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है।