केदारनाथ यात्रा को लेकर एक बार फिर बड़ा व्यवधान सामने आया है। मंगलवार शाम को सोनप्रयाग-गौरीकुंड पैदल मार्ग पर मुनकटिया से करीब डेढ़ किलोमीटर आगे एक बड़ा भूस्खलन हुआ, जिससे यात्रा मार्ग बाधित हो गया। चट्टानों और मलबे के गिरने से रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है।
पुलिस ने ऐहतियातन सोनप्रयाग और गौरीकुंड से आवागमन को रोक दिया है। कोतवाली सोनप्रयाग के प्रभारी निरीक्षक राकेंद्र सिंह कठैत ने बताया कि भूस्खलन के दौरान भारी बोल्डर और मलबा सड़क पर गिरा, जिससे मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया। गनीमत रही कि घटना के समय सड़क पर कोई वाहन नहीं था, वरना बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।
एनएच के अधिशासी अभियंता ओंकार नाथ पांडे के अनुसार, दो मशीनों की मदद से मलबा हटाने का कार्य आरंभ कर दिया गया है। लेकिन बारिश और अंधेरे के कारण राहत कार्य में परेशानी आ रही है। यदि मौसम अनुकूल रहा, तो बुधवार सुबह तक मार्ग को फिर से खोलने की संभावना है।
बारिश के बीच जारी रही श्रद्धालुओं की यात्रा
हालांकि खराब मौसम के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। मंगलवार को दिनभर की बारिश के बीच सोनप्रयाग से करीब 2000 तीर्थयात्री पैदल मार्ग से केदारनाथ धाम के लिए रवाना हुए। इनमें से लगभग 1300 श्रद्धालु शाम तक लौट भी आए। सुबह छह बजे से ही दर्शन के लिए भक्तों को भेजा गया था, हालांकि रुक-रुक कर तेज होती बारिश के चलते बीच-बीच में यात्रियों को रोका भी गया।
कोतवाली प्रभारी ने बताया कि अधिकांश तीर्थयात्री सुरक्षित केदारनाथ पहुंच गए। वहीं, धाम में भी बारिश के बावजूद भक्तों में दर्शन को लेकर खासा उत्साह देखा गया।
धार्मिक कार्यक्रम में कृष्ण जन्मलीला का वर्णन
केदारनाथ में श्रीमद्भागवत कथा पुराण का आयोजन जारी है। कथा के पांचवें दिन आचार्य स्वयंवर प्रसाद सेमवाल ने श्रीकृष्ण जन्मलीला का मनोहर वर्णन किया। भक्त श्रद्धा और भक्ति में डूबे नजर आए।