संसद के मानसून सत्र का मंगलवार को आठवां दिन था। लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर चर्चा पूरी हो चुकी है, जबकि राज्यसभा में इस पर बहस जारी रही। राज्यसभा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान और चीन को लेकर सरकार का पक्ष मजबूती से रखा और विपक्ष, खासकर राहुल गांधी, पर तीखा प्रहार किया।
पाकिस्तान को दुनिया के सामने बेनकाब किया: जयशंकर
जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि भारत ने वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की असलियत उजागर की है। उन्होंने सिंधु जल समझौते का जिक्र करते हुए दो टूक कहा, “जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित करता रहेगा, तब तक खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।”
राहुल गांधी पर व्यंग्य: बताया ‘चाइना गुरु’
विदेश मंत्री ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए उन्हें “चाइना गुरु” कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल चीन के राजदूत से ट्यूशन लेते हैं और भ्रम फैलाते हैं कि चीन और पाकिस्तान एक साथ आ गए हैं। जयशंकर ने कहा, “हां, ये तब हुआ जब हमने पीओके को छोड़ दिया। जो लोग उस समय की नीतियों के ज़िम्मेदार थे, उन्हें आत्मचिंतन करना चाहिए।”
विपक्ष की चीन नीति पर उठाए सवाल
जयशंकर ने विपक्ष की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि कैसे एक ऐसा देश, जिससे भारत का युद्ध हो चुका है, उसे ‘रणनीतिक साझेदार’ कहा जा सकता है? उन्होंने याद दिलाया कि 2006 में चीन के तत्कालीन राष्ट्रपति हू जिंताओ की भारत यात्रा के दौरान टेलिकॉम जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में चीनी कंपनियों को आमंत्रित किया गया, जो राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से एक बड़ी चूक थी।
सिंधु जल समझौते पर सरकार का रुख सख्त
विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि सिंधु जल संधि को लेकर भारत का रुख अब बेहद सख्त है। उन्होंने कहा, “जब तक पाकिस्तान अपने यहां से आतंकवाद के ढांचे को समाप्त नहीं करता, तब तक यह संधि स्थगित ही रहेगी।”