हमीरपुर: दलित के अंतिम संस्कार पर विवाद, प्रशासन ने सुलझाया मामला

हमीरपुर जिला के बड़सर उपमंडल की कड़साई पंचायत के भेवड़ सहेली श्मशानघाट में मंगलवार को उस समय तनाव की स्थिति बन गई, जब अंतिम संस्कार को लेकर दो गांवों के लोग आमने-सामने आ गए। अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति के दाह संस्कार को लेकर भेवड़ सहेली और ननावां गांव के बीच विवाद खड़ा हो गया, जिसे शांत कराने के लिए पुलिस और प्रशासन को मौके पर पहुंचना पड़ा।

बरसात में रास्ता बंद, वैकल्पिक श्मशानघाट का विरोध
जानकारी के अनुसार ननावां गांव के जिस समुदाय के लिए निर्धारित श्मशानघाट है, वहां जाने वाला रास्ता भारी बारिश के चलते अवरुद्ध हो गया था। साथ ही समीप की खड्ड में पानी का बहाव तेज होने के कारण वहां अंतिम संस्कार कर पाना संभव नहीं था। ऐसे में मृतक के परिजन पास के भेवड़ सहेली श्मशानघाट पहुंचे, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों ने इसका विरोध किया। मामला बढ़ता देख पुलिस को सूचित किया गया।

पुलिस और प्रशासन ने शांत कराया माहौल
मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने दोनों पक्षों से बातचीत कर माहौल को शांत किया। करीब डेढ़ घंटे की कोशिशों के बाद प्रशासन की मध्यस्थता से आपसी सहमति बनी और शव का अंतिम संस्कार किया जा सका।

विवाद की जड़ में जातिगत श्मशानघाट की परंपरा
स्थानीय परंपराओं के अनुसार क्षेत्र में अलग-अलग जातियों के लिए अलग श्मशानघाट निर्धारित हैं। ननावां गांव के लोगों ने बारिश को देखते हुए पंचायत से पास के श्मशानघाट में अंतिम संस्कार की अनुमति मांगी थी, लेकिन ग्रामीणों की असहमति के कारण पंचायत ने प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया था।

प्रशासन करेगा स्थायी समाधान
एसडीएम बड़सर राजेंद्र गौतम ने बताया कि सूचना मिलते ही प्रशासनिक व पुलिस टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला गया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए ननावां गांव के लिए शीघ्र ही उपयुक्त स्थान पर सरकारी भूमि चिन्हित कर नया श्मशानघाट विकसित किया जाएगा।

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