कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहित करने की दिशा में छत्तीसगढ़ को केंद्र सरकार से महत्वपूर्ण मंजूरी मिली है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रयासों और राज्य के उद्योग विभाग की सक्रिय पहल के फलस्वरूप भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने रायपुर में एपीडा (APEDA – कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) का क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करने की अनुमति दे दी है।
स्थानीय स्तर पर मिलेगी निर्यात से जुड़ी सेवाएं
एपीडा कार्यालय की शुरुआत से राज्य के किसानों, उत्पादकों और निर्यातकों को प्रमाणन, प्रशिक्षण, पैकेजिंग, मानकीकरण और अन्य निर्यात-संबंधी सेवाएं अब राज्य में ही उपलब्ध होंगी। इससे उन्हें इन सुविधाओं के लिए अन्य राज्यों की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी, जिससे समय और खर्च दोनों की बचत होगी।
गुणवत्ता प्रमाणीकरण और लैब टेस्टिंग की सुविधा यहीं
राज्य में एपीडा कार्यालय खुलने के बाद फाइटो-सेनेटरी सर्टिफिकेट, गुणवत्ता प्रमाणन, लैब टेस्टिंग और निर्यात से जुड़ी सभी आवश्यक प्रक्रियाएं रायपुर में ही पूरी की जा सकेंगी। इससे कृषि उत्पादों के वैश्विक मानकों के अनुरूप तैयार होने की प्रक्रिया सरल और सुलभ हो जाएगी।
राज्य के कृषि उत्पादों को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय बाज़ार
फल, सब्ज़ियाँ, चावल, जीआई टैग प्राप्त उत्पाद, मिलेट्स और अन्य कृषि उपज को अब सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात करना आसान होगा। इससे उत्पादों की ब्रांडिंग, बेहतर दाम और किसानों को नए बाजार मिल सकेंगे, वहीं राज्य को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिलेगी।
किसानों को मिलेगा बेहतर मूल्य और प्रशिक्षण
निर्यात बढ़ने से किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य मिलेगा, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी। साथ ही, उन्हें गुणवत्ता नियंत्रण, उन्नत पैकेजिंग और अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांगों के अनुरूप प्रशिक्षण भी स्थानीय स्तर पर सुलभ होगा।
स्टार्टअप और MSME को मिलेगा लाभ
अब छत्तीसगढ़ के किसान, स्टार्टअप और सूक्ष्म व लघु उद्योगों को एपीडा की निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं, कौशल विकास कार्यक्रमों और सब्सिडी का लाभ राज्य में ही मिल सकेगा। मुख्यमंत्री साय ने इसे राज्य के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि इससे छत्तीसगढ़ की कृषि उपज को वैश्विक बाजार से जोड़ने का नया रास्ता खुलेगा।
आर्थिक विकास की ओर महत्वपूर्ण कदम
रायपुर में एपीडा कार्यालय की स्थापना न केवल कृषि निर्यात को गति देगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा देगी। यह पहल छत्तीसगढ़ को ‘वोकल फॉर लोकल टू ग्लोबल’ की अवधारणा में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक ठोस कदम साबित होगी।