गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक थाना क्षेत्र के सैन विहार में नाले से बरामद महिला की पहचान दिल्ली निवासी पूजा के रूप में हुई है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि महिला की हत्या उसके जानकार नजर मोहम्मद उर्फ राजू उर्फ नाजिम ने की थी, जो कि बाइक मिस्त्री है। आरोपी ने पहले महिला के सिर पर ईंट से चार वार किए, फिर शव को रजाई में लपेटकर स्कूटी के पायदान पर रखकर नाले में फेंक दिया। इसके बाद उसने महिला की चेन बेचकर 90 हजार रुपये प्राप्त किए और उसी रकम से 45 हजार की एक नई चेन खरीदकर अपनी प्रेमिका को भेंट की। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके पास से जेवर और नकदी बरामद की है।
सीसीटीवी फुटेज से खुला राज
एसीपी वेव सिटी प्रियाश्री पाल के अनुसार, 28 जुलाई की सुबह जब महिला का शव गली-सड़ी हालत में नाले से मिला, तो पुलिस ने इलाके की कई सीसीटीवी फुटेज खंगाली। इसमें स्कूटी सवार एक युवक को शव ले जाते हुए देखा गया, जिसने पहचान छुपाने के लिए लाल रंग का हेलमेट पहन रखा था। स्कूटी की जानकारी से पुलिस आरोपी तक पहुंची, जो कि हापुड़ के असौड़ा पैठ गांव का निवासी है और वर्तमान में सैन विहार कॉलोनी में किराये पर रह रहा था।
अवैध संबंध और लालच में रची हत्या की साजिश
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि महिला से उसका परिचय चार साल पहले हुआ था और दोनों के बीच अवैध संबंध थे। तीन साल बाद अचानक महिला उससे दोबारा मिली और बताया कि कुछ लोग उसे परेशान कर रहे हैं। इसके बाद आरोपी ने उसे अपने साथ रहने के लिए मना लिया। महिला सिहानी गेट थाना क्षेत्र के एक किराये के मकान में रहती थी, जहां से वह अपने कीमती गहने और अन्य सामान लेकर आरोपी के पास आ गई। गहनों को देखकर आरोपी का इरादा बदल गया और उसने हत्या की योजना बना ली।
रात को हमला कर की हत्या, सुबह फेंका शव
पुलिस के मुताबिक, 26 जुलाई की रात दोनों ने साथ में शराब पी और सो गए। रात एक बजे आरोपी जागा और पास में सो रही पूजा के सिर पर ईंट से दो बार वार किया। जब वह चीखने लगी, तो आरोपी ने उसका मुंह दबाकर फिर दो बार वार कर उसकी हत्या कर दी। सुबह उसने शव को रजाई में लपेटा और स्कूटी पर रखकर नाले में फेंक दिया।
फर्जी पता, असली पहचान की तलाश
मृतका के पास से एक आधार कार्ड मिला है, जिसमें दिल्ली का पता दर्ज है, लेकिन पुलिस टीम जब वहां पहुंची तो वह पता फर्जी निकला। पोस्टमार्टम में महिला की मौत सिर पर चोट लगने से होना स्पष्ट हुआ है। पुलिस के अनुसार, पूजा पहले भीख मांगती थी, बाद में वेश्यावृत्ति के दलदल में फंस गई थी। परिजनों की पहचान न होने के कारण बिसरा सुरक्षित रखवाया गया है।