काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने 11 अगस्त से मंदिर परिसर को पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त करने का निर्णय लिया है। इस पहल के तहत प्लास्टिक से बनी वस्तुओं, विशेषकर टोकरी और लोटे के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। श्रद्धालुओं से अनुरोध किया जाएगा कि वे प्लास्टिक की कोई भी सामग्री, जैसे टोकरी या बोतल आदि, मंदिर में न लाएं।
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्रा ने बताया कि श्रद्धालु प्लास्टिक की बोतलों में जल और पॉलीथिन में प्रसाद या फूल लेकर आते हैं, जिसे वे परिसर में ही छोड़ देते हैं। इससे सफाई व्यवस्था पर प्रभाव पड़ता है और कई बार प्लास्टिक कचरा भूमिगत नालियों में जाकर जाम की स्थिति उत्पन्न कर देता है।
उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे जूट या लकड़ी से बनी टोकरी और अन्य पर्यावरण के अनुकूल सामग्री का ही प्रयोग करें। मंदिर प्रशासन का कहना है कि इससे न केवल पर्यावरण की रक्षा होगी, बल्कि मंदिर की स्वच्छता व्यवस्था भी बेहतर होगी। हालांकि पूर्व में भी यह प्रतिबंध अस्थायी रूप से लागू किया गया था, लेकिन इस बार इसे स्थायी रूप से सख्ती के साथ लागू किया जाएगा।