महाराष्ट्र के मालेगांव में वर्ष 2006 में हुए बम विस्फोट के मामले में 17 साल बाद एनआईए की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सभी सात आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया है। अदालत के इस निर्णय के बाद एक ओर जहां राहत की भावना देखी गई, वहीं दूसरी ओर पीड़ित पक्ष में निराशा का माहौल है।
लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित, जो इस मामले में प्रमुख आरोपियों में शामिल थे, ने कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह देश और उन सभी का आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने इस कठिन समय में उनका साथ दिया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, “न्यायपालिका ने इस मामले को समझा और हमें न्याय दिया। इस पूरी लड़ाई में भारतीय सशस्त्र बलों ने मेरा भरपूर समर्थन किया, जिसके लिए मैं उनका शब्दों में आभार नहीं जता सकता।”
गौरतलब है कि इस मामले में पूर्व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित, मेजर रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी पर आतंकवाद और आपराधिक षड्यंत्र के आरोप लगे थे। अदालत ने गुरुवार को इन सभी को आरोपों से मुक्त कर दिया।
साध्वी प्रज्ञा की बहन की प्रतिक्रिया
कोर्ट के फैसले के बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की छोटी बहन प्रतिभा सिंह ने खुशी जताते हुए कहा, “17 वर्षों की इस लंबी लड़ाई को हम शब्दों में नहीं बयां कर सकते। उस समय यूपीए सरकार ने हमें मानसिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया। हमारे व्यवसाय बंद हो गए और हमें भगवा आतंकवाद के नाम पर निशाना बनाया गया। अब सत्य सामने आ गया है।”
फडणवीस का कांग्रेस पर हमला
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार ने ‘भगवा आतंकवाद’ की काल्पनिक अवधारणा गढ़कर एक झूठा नैरेटिव खड़ा किया और राजनीतिक लाभ के लिए निर्दोष लोगों को फंसाया।
फडणवीस ने कहा, “कांग्रेस ने पूरे समुदाय को बदनाम करने की साजिश रची, लेकिन देश ने इसे नकार दिया है। हम मांग करते हैं कि कांग्रेस सार्वजनिक रूप से माफी मांगे। हम इस फैसले का गहन अध्ययन करेंगे और फिर अगली कानूनी कार्रवाई पर विचार करेंगे।”