पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुर्गा पूजा आयोजकों को राहत देते हुए अनुदान राशि में बढ़ोतरी की घोषणा की है। अब राज्य सरकार प्रत्येक पूजा समिति को ₹1.10 लाख की सहायता प्रदान करेगी, जो पिछले वर्ष की तुलना में ₹25,000 अधिक है। 2023 में यह राशि ₹85,000 थी।
कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में पूजा समितियों के आयोजकों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि सीईएससी और राज्य विद्युत वितरण बोर्ड पूजा आयोजनों के लिए बिजली बिल में 80 प्रतिशत तक की छूट प्रदान करें। उन्होंने बताया कि इस वर्ष दुर्गा पूजा का कार्निवल 5 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा, जबकि मूर्ति विसर्जन 2 से 4 अक्टूबर के बीच संपन्न होगा।
त्योहार से पहले व्यापक तैयारी
बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों, अग्निशमन विभाग, नगर निगम, परिवहन, स्वास्थ्य और पुलिस विभाग के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पूजा के दौरान मंडपों पर सख्त निगरानी रखी जाए। उन्होंने ड्रोन, सीसीटीवी और वॉच टावर जैसे तकनीकी संसाधनों के माध्यम से सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही, महिला श्रद्धालुओं और वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा पर भी विशेष ध्यान देने को कहा।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज
अनुदान में इस बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। विपक्षी दलों का कहना है कि चुनावी वर्ष को देखते हुए यह कदम एक रणनीतिक ‘प्रोत्साहन’ है, ताकि पूजा समितियों के माध्यम से जमीनी स्तर पर राजनीतिक प्रभाव कायम किया जा सके। वहीं, तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि यह फैसला बंगाल की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने और सामूहिक भागीदारी को सशक्त करने के लिए है।
अनुदान में लगातार इजाफा
दुर्गा पूजा समितियों को अनुदान देने की शुरुआत 2018 में ₹10,000 से हुई थी। इसके बाद हर वर्ष इसमें वृद्धि की जाती रही है—2019 में ₹25,000, महामारी काल में ₹50,000, फिर क्रमशः ₹60,000, ₹70,000 और 2023 में ₹85,000 किए गए। अब 2024 में यह राशि ₹1.10 लाख तक पहुंच गई है। साथ ही बिजली शुल्क में पहले जहां 25% छूट थी, अब इसे बढ़ाकर 80% कर दिया गया है।
पूजा समितियों ने इस घोषणा का स्वागत किया है और कहा है कि लगातार बढ़ती महंगाई के बीच यह आर्थिक सहयोग उनके लिए सहारा साबित होगा।