प्रदेश में स्कूलों के विलय को लेकर बढ़ते विरोध के बीच बेसिक शिक्षा विभाग ने नीति में अहम बदलाव किया है। अब ऐसे प्राथमिक स्कूल, जो एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित हैं और जिनमें 50 से अधिक छात्र नामांकित हैं, उनका विलय नहीं किया जाएगा। यदि इस मानक के विरुद्ध पूर्व में किसी विद्यालय का विलय किया गया है, तो उसे निरस्त कर पुनः उसी स्थान पर विद्यालय संचालित किया जाएगा। यह संशोधन प्रक्रिया एक सप्ताह के भीतर पूरी की जाएगी।
इस फैसले की जानकारी बृहस्पतिवार को बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने लोक भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप स्कूलों के समायोजन की प्रक्रिया छात्र हित, संसाधनों के समुचित उपयोग और शिक्षकों की पूर्ण उपलब्धता को ध्यान में रखकर की जा रही है। उत्तर प्रदेश इस दिशा में पहला राज्य नहीं है — राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा और हिमाचल प्रदेश पहले ही इस तरह के व्यापक विलय कर चुके हैं।
छात्र दूरी और भौगोलिक स्थिति के आधार पर होगा पुनर्विचार
राज्यमंत्री संदीप सिंह ने स्पष्ट किया कि एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित किसी भी विद्यालय का अब विलय नहीं किया जाएगा। साथ ही, केवल उन्हीं विद्यालयों का समायोजन होगा जिनमें छात्र संख्या 50 से कम है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी 1,32,886 विद्यालय पूर्ववत संचालित रहेंगे और उनका यू-डायस कोड भी यथावत बना रहेगा।
बुंदेलखंड जैसे क्षेत्रों में नदी, नाले या रेलवे क्रॉसिंग जैसी भौगोलिक बाधाओं को देखते हुए मंत्री ने यह भी कहा कि यदि छात्रों को कठिनाई होती है तो उस विशेष विद्यालय का विलय वापस लिया जा सकता है। साथ ही, यदि किसी मर्ज किए गए विद्यालय में भविष्य में छात्र संख्या बढ़ती है, तो उस स्थान पर पुनः विद्यालय शुरू किया जाएगा।
न शिक्षक हटेंगे, न स्कूल बंद होंगे: मंत्री
राज्यमंत्री ने अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि न तो किसी शिक्षक का स्थान खत्म होगा, न ही किसी का पद समाप्त होगा। सभी शिक्षक यथास्थान कार्यरत रहेंगे। जो भवन खाली होंगे, वहां बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के सहयोग से बाल वाटिकाएं चलाई जाएंगी, जहां तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए वर्ग संचालन किया जाएगा। इसके लिए पाठ्यपुस्तकें तैयार हैं और ‘वंडर बॉक्स’ व ‘बिग बुक’ जैसे शैक्षणिक संसाधनों का भी उपयोग होगा।
बाल वाटिका संचालन हेतु 19,000 ईसीसीई शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जारी है, जिससे इन केंद्रों को मजबूती मिलेगी।