मुज़फ्फरनगर। एक उद्यमी से 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के गंभीर आरोप के चलते वाणिज्य कर विभाग के राज्यकर अधिकारी (एसआईबी) हिमांशु लाल को शासन ने निलंबित कर दिया है। निलंबन आदेश के साथ ही उनका संबद्धीकरण झांसी कार्यालय कर दिया गया है। गुरुवार सुबह उन्हें आदेश तामील कराए गए, जिसके बाद वे झांसी के लिए रवाना हो गए। मामले की पुष्टि संयुक्त आयुक्त एसआईबी सिद्धेष चन्द्र दीक्षित ने की है।
प्रकरण उस समय सुर्खियों में आया जब बुधवार को इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) से जुड़े उद्यमी सिटी सेंटर स्थित जीएसटी कार्यालय पहुंचे और अधिकारियों के सामने विरोध दर्ज कराया। आईआईए अध्यक्ष अमित जैन ने संयुक्त आयुक्त जीएसटी सिद्धेष दीक्षित की उपस्थिति में बताया कि एक उद्यमी को बीते एक सप्ताह से अनावश्यक दबाव में लेकर धमकाया जा रहा था।
आरोप है कि एसआईबी के अधिकारी ने उद्यमी से छापे की धमकी देते हुए 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। इतना ही नहीं, उनके साथ एक अन्य व्यक्ति को भी भेजा गया जिसे अधिकारी ने “भाई” बताया। यह व्यक्ति भी उद्यमी को डराने और धमकाने का काम कर रहा था। बताया गया कि विभाग की गोपनीय जानकारी भी उद्यमी को लीक की गई और अंततः 10 लाख रुपये नकद तथा ₹50,000 मासिक भुगतान का सौदा रखने का प्रस्ताव दिया गया।
उद्योगपतियों के विरोध के बाद मामले की जांच शुरू की गई और संबंधित रिपोर्ट शासन को भेजी गई। रिपोर्ट के आधार पर शासन ने सख्त रुख अपनाते हुए आरोपी अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
भ्रष्टाचार को नहीं मिलेगी जगह: कपिल देव अग्रवाल
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस नीति दोहराते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं, आईआईए के अध्यक्ष अमित जैन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई पर सरकार व मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे उद्यमियों में विश्वास बढ़ा है।