उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग में नौकरी दिलाने का झांसा देकर बड़े स्तर पर ठगी का मामला सामने आया है। आरोप है कि 40 से अधिक युवाओं से सरकारी नौकरी का सपना दिखाकर प्रति व्यक्ति 30 हजार रुपये वसूले गए और बाद में उन्हें जबरन एक निजी नेटवर्किंग व्यवसाय में शामिल कर लिया गया। पीड़ितों का कहना है कि उन्हें बंधक बनाकर मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न किया गया।
इस संबंध में फिरोजाबाद के रामगढ़ थाना क्षेत्र के न्यू आबादी मैलाई निवासी गया प्रसाद, सिंटू गौतम और सावन देवी ने हरदोई के कछौना कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया कि आगरा निवासी जीतू यादव और उसके साथियों ने उन्हें उत्तराखंड में सरकारी नौकरी देने का झांसा देकर रकम ली।
शिकायत के अनुसार, युवाओं को उत्तराखंड ले जाकर अलग-अलग स्थानों पर रखा गया और जबरन निजी नेटवर्किंग बिजनेस से जोड़ा गया। कुछ समय पूर्व आरोपियों ने कछौना क्षेत्र में किराए पर एक मकान और मैरिज लॉन लेकर वहां अन्य युवाओं को लाकर दबाव बनाना शुरू कर दिया।
घटना की जानकारी जब पीड़ितों के परिजनों को मिली तो वे गुरुवार को कछौना कोतवाली पहुंचे और पुलिस को पूरे मामले से अवगत कराया। प्रकरण एसपी तक पहुंचने के बाद सीओ संडीला संतोष सिंह को जांच सौंपी गई। प्राथमिक जांच में ठगी, धोखाधड़ी और बंधक बनाने की पुष्टि हुई है।
पुलिस ने इस मामले में आगरा के जीतू यादव, फतेहपुर के संदीप, हरदोई के सुमित, बिहार के अनवर और फिरोजाबाद के रोहित को हिरासत में लेकर तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि इन आरोपियों ने करीब 40 युवाओं को निशाना बनाया था।