आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने राजधानी में ड्रेनेज सफाई को लेकर दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि डी-सिल्टिंग कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है और दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश की भी अनदेखी की जा रही है।
पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में भारद्वाज ने बताया कि हाईकोर्ट ने 8 अप्रैल 2024 को डी-सिल्टिंग कार्यों का स्वतंत्र थर्ड पार्टी ऑडिट कराने का निर्देश दिया था, जिसे सरकार ने अब तक लागू नहीं किया। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार ने कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए डी-सिल्टिंग का थर्ड पार्टी ऑडिट कराया है? यदि हां, तो उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं की गई?
जलभराव को बताया भ्रष्टाचार का उदाहरण
सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि वर्षों से डी-सिल्टिंग केवल कागजों पर की जा रही है, जबकि जमीन पर इसका कोई असर नहीं दिखाई देता। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई मामूली बारिश के बाद दिल्ली में जलभराव की स्थिति इस कथित लापरवाही और भ्रष्टाचार का प्रमाण है।
सरकार से पूछे कई सवाल
उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी सरकार ने नालों की सफाई को लेकर भारी-भरकम दावे किए और करोड़ों रुपये खर्च किए, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं दिखा। उन्होंने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से स्पष्ट किया कि यदि थर्ड पार्टी ऑडिट कराया गया है, तो उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
मुख्य सचिव पर लगाए गंभीर आरोप
AAP नेता ने यह भी बताया कि पिछले वर्ष उनकी सरकार के दौरान भी उन्होंने तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार को कई बार पत्र लिखकर डी-सिल्टिंग की स्थिति और ऑडिट रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस संबंध में उन्होंने एक वीडियो भी प्रस्तुत किया जिसमें वे अधिकारियों से सवाल करते नजर आ रहे हैं।
भ्रष्टाचार छिपाने का आरोप
भारद्वाज ने आरोप लगाया कि जानबूझकर ऑडिट नहीं कराया गया क्योंकि अफसर जानते थे कि असलियत सामने आने पर कई बड़े नाम फंस सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए कि आखिर आदेशों के बावजूद ऑडिट क्यों नहीं हुआ।
एसीबी जांच की मांग
उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि इस मामले की जांच एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) से कराई जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यदि इस वर्ष भी थर्ड पार्टी ऑडिट नहीं कराया गया है तो इसकी भी जांच होनी चाहिए। भारद्वाज ने आरोप लगाया कि तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार बीजेपी के करीबी अफसर रहे हैं और उन्हें संदेह है कि मुख्यमंत्री उनके खिलाफ जांच के आदेश देंगी।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर एसीबी जांच के आदेश नहीं दिए गए, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि सरकार खुद भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने में संलिप्त है।