कानपुर से एक दिल को छू लेने वाला मामला सामने आया है, जहां जालौन निवासी एक महिला अपने 13 वर्षीय बेटे के साथ नौकरी की आस में कानपुर आई, लेकिन ठगी का शिकार हो गई। नौकरी दिलाने का वादा कर एक व्यक्ति दोनों को कानपुर तो ले आया, लेकिन रास्ते में उनके सारे पैसे लेकर फरार हो गया। आर्थिक रूप से असहाय मां-बेटे जब वापस घर लौटने में असमर्थ रहे, तो मदद की आस में जनता दरबार पहुंचे।
गुरुवार को कलेक्ट्रेट परिसर में जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह जन समस्याएं सुन रहे थे, तभी महिला अपने बेटे का हाथ पकड़े वहां पहुंची। महिला ने अपना नाम अंजुलता, निवासी नगर पंचायत माधौगढ़, जिला जालौन बताया और कहा कि एक व्यक्ति नौकरी देने के बहाने उन्हें बहला-फुसलाकर कानपुर ले आया और बाद में पैसे लेकर भाग गया। अब उनके पास न भोजन के लिए पैसे हैं, न घर लौटने का किराया। यह कहते हुए महिला और उसका बेटा रोने लगे।
जिलाधिकारी ने की तत्पर कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम ने तत्काल नगर पंचायत माधौगढ़ के चेयरमैन राघवेंद्र व्यास से संपर्क किया। चेयरमैन ने पुष्टि की कि अंजुलता मोहल्ला माधौगढ़ निवासी रोहित सक्सेना की पत्नी हैं। बताया गया कि उनका परिवार मजदूरी कर जीवन यापन करता है और उनके पति नशे की लत से ग्रसित हैं। हाल ही में अंजुलता अपने बेटे के साथ काम की तलाश में कानपुर गई थीं।
जांच में मामला सही पाए जाने पर जिलाधिकारी ने मां-बेटे के भोजन की व्यवस्था कराई और उन्हें बस का किराया देकर घर रवाना किया। मदद मिलने पर महिला की आंखों से आंसू छलक पड़े और उन्होंने डीएम का आभार जताया। जिलाधिकारी ने कहा कि मामले की सच्चाई सामने आने पर प्रशासन ने तुरंत सहायता प्रदान कर मां-बेटे को सुरक्षित उनके घर भेजा।