प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के खानपुर इलाके में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर पर बड़ी कार्रवाई की है। तीन अलग-अलग स्थानों पर की गई इस छापेमारी की शुरुआत 31 जुलाई की रात करीब 10:30 बजे हुई, जो 1 अगस्त की सुबह तक जारी रही। एजेंसी की जांच में पता चला है कि इन ठिकानों से एक संगठित कॉल सेंटर ऑपरेट किया जा रहा था, जो विदेशी नागरिकों—विशेष रूप से अमेरिका में रहने वालों—को नकली या पायरेटेड सॉफ्टवेयर असली बताकर बेचता था। इनमें Microsoft Windows जैसे लोकप्रिय सॉफ्टवेयर शामिल थे।
लगभग 100 करोड़ की विदेशी ठगी
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि वर्ष 2016-17 से 2024-25 के बीच इस रैकेट ने करीब 100 करोड़ रुपये की ठगी की है। ईडी की जांच अब भी जारी है और पूरे नेटवर्क को खंगाला जा रहा है।
पहले भी सामने आए हैं फर्जी कॉल सेंटर
यह पहली बार नहीं है जब राजधानी दिल्ली में फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा हुआ हो। जुलाई महीने में ही एक ऐसे ही गिरोह का भंडाफोड़ किया गया था, जिसमें कथित तौर पर बैंककर्मी बनकर लोगों से धोखाधड़ी की जा रही थी। उस कार्रवाई में पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया था।
क्रेडिट कार्ड फ्रॉड का भी पर्दाफाश
जांच के दौरान पुलिस को देश के कई राज्यों से 100 से अधिक शिकायतें मिली थीं। आरोपियों पर लोगों से करीब 40 लाख रुपये की ठगी करने का आरोप है। एक शिकायतकर्ता संजय कुमार ने बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने खुद को बैंक का कस्टमर केयर एजेंट बताकर उनके क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का झांसा दिया और ओटीपी लेकर उनके खाते से ₹33,000 निकाल लिए।
पुलिस ने दी जानकारी
पलवल के एएसपी शुभम सिंह ने बताया कि आरोपी खुद को बैंक अधिकारी बताकर लोगों को कॉल करते थे और फिर ओटीपी के जरिए उनके क्रेडिट कार्ड से रकम निकालकर उसे विभिन्न डिजिटल वॉलेट में ट्रांसफर करते थे। बाद में यह राशि कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से निकाली जाती थी।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में प्रदीप, मोहित, वीरेंद्र, रोहित, साक्षी, सुशबू, अविष्का, साहिल, साहिब, आयुष और नितिन शामिल हैं, जो सभी दिल्ली निवासी हैं।