बॉलीवुड अभिनेत्री और मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने बठिंडा की अदालत में उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि के मामले को रद्द करने की उनकी याचिका खारिज कर दी है।
न्यायमूर्ति त्रिभुवन दहिया की एकल पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया कंगना के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत अभियोजन चलाया जा सकता है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मजिस्ट्रेट द्वारा जारी समन आदेश कानून सम्मत है।
यह मामला किसान आंदोलन के दौरान किए गए एक ट्वीट से जुड़ा है। कंगना ने एक तस्वीर को रीट्वीट करते हुए लिखा था—”हा हा हा, यह वही दादी हैं जो टाइम मैगजीन में सबसे प्रभावशाली भारतीय के रूप में आई थीं… और ये ₹100 में उपलब्ध हैं।” यह तस्वीर बठिंडा निवासी महिंदर कौर की थी, जिन्होंने इसे लेकर अदालत में आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि उन्हें शाहीन बाग की एक प्रदर्शनकारी महिला के साथ जोड़कर उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई गई।
बठिंडा की अदालत ने यह मानते हुए समन जारी किया था कि कंगना का बयान मानहानिकारक है और एक सार्वजनिक व्यक्तित्व होने के नाते उन्हें अधिक जिम्मेदारी के साथ व्यवहार करना चाहिए था।
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मजिस्ट्रेट ने सभी आवश्यक साक्ष्यों का परीक्षण कर समन जारी किया और प्रक्रिया में कोई त्रुटि नहीं पाई गई, भले ही पुलिस रिपोर्ट नहीं आई थी।
कंगना की ओर से यह तर्क दिया गया था कि उनका ट्वीट दुर्भावना से प्रेरित नहीं था और ‘गुड फेथ’ में किया गया था, लेकिन कोर्ट ने इसे अस्वीकार कर दिया। इसके अलावा यह दलील भी खारिज कर दी गई कि शिकायत सिर्फ कंगना के खिलाफ दर्ज की गई जबकि मूल ट्वीट करने वाले गौतम यादव को मामले में शामिल नहीं किया गया।