अवैध धर्मांतरण के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पांच दिन की हिरासत पूरी होने के बाद आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर को शुक्रवार को दोबारा लखनऊ जेल भेज दिया गया। वहीं, उसके सहयोगी नवीन घनश्याम रोहरा को रिमांड पर लेने की ईडी की अर्जी पर अदालत अब 4 अगस्त को सुनवाई करेगी। इस दौरान नवीन को अदालत में पेश किया जाएगा।
ईडी ने छांगुर को कथित विदेशी फंडिंग के जरिए धर्मांतरण गतिविधियों की जांच के लिए रिमांड पर लिया था। पूछताछ के दौरान छांगुर ने खुद को इस पूरे मामले से अलग बताया और आरोपों से इनकार किया। हालांकि, संपत्ति खरीद से जुड़े सवालों पर उसने सारा आरोप नवीन रोहरा पर डालते हुए कहा कि संपत्ति खरीदने के लिए उसे पैसे नवीन ने दिए थे। छांगुर का कहना है कि उसने अपने परिवार के साथ मिलकर इस्लाम धर्म का प्रचार जरूर किया, लेकिन जबरन धर्मांतरण से उसका कोई संबंध नहीं है। उसने यह भी कहा कि नवीन और उसकी पत्नी नीतू ने स्वेच्छा से इस्लाम अपनाया है। साथ ही यह भी बताया कि नवीन के पास करोड़ों रुपये कहां से आए, उसे इसकी कोई जानकारी नहीं है।
यूएई में पांच कंपनियों की स्थापना, करोड़ों का निवेश
ईडी की जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि नवीन ने वर्ष 2020 के बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में पांच कंपनियां स्थापित की थीं, जिनमें अचानक करोड़ों रुपये का निवेश हुआ। अब ईडी यह पता लगाने में जुटी है कि ये भारी-भरकम निवेश किसके द्वारा और किन स्रोतों से हुआ। एजेंसी को संदेह है कि इन कंपनियों में विदेशी संस्थाओं की भूमिका हो सकती है, जिसकी गहन जांच की जा रही है।