देश के विभिन्न हिस्सों में मानसून की तेज़ बारिश ने आम जनजीवन पर गहरा असर डाला है। पहाड़ी राज्यों से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक भारी वर्षा और भूस्खलन के चलते कई यात्राएं स्थगित करनी पड़ी हैं और जन-संपर्क मार्ग बाधित हुए हैं।
अमरनाथ यात्रा तीन अगस्त तक स्थगित
जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही तेज बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा को 3 अगस्त तक रोक दिया गया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों पर मरम्मत और सुरक्षा कार्य जारी हैं। शुक्रवार को जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से भी लगातार दूसरे दिन किसी जत्थे को रवाना नहीं किया गया।
कश्मीर के मंडलायुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने बताया कि बालटाल मार्ग पर बड़े स्तर पर मरम्मत की आवश्यकता है, जिसे पूरा किए बिना यात्रा को फिर से शुरू करना संभव नहीं।
केदारनाथ यात्रा लगातार तीसरे दिन रुकी, 450 यात्रियों को रेस्क्यू कर सोनप्रयाग पहुंचाया गया
उत्तराखंड में लगातार बारिश और भूस्खलन के चलते केदारनाथ यात्रा को तीसरे दिन भी रोकना पड़ा। गौरीकुंड हाईवे अब भी बंद है। बाबा केदारनाथ के दर्शन कर लौट रहे 450 से अधिक श्रद्धालुओं को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने वैकल्पिक जंगल मार्ग से सुरक्षित सोनप्रयाग पहुंचाया।
पांच हजार से अधिक तीर्थयात्रियों को सोनप्रयाग में ही रोक दिया गया है, जहां वे रास्ता खुलने का इंतजार कर रहे हैं। मौसम विभाग ने देहरादून, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, नैनीताल और बागेश्वर में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है।
हिमाचल में तीन स्थानों पर बादल फटे, सड़कों और परियोजनाओं पर असर
हिमाचल प्रदेश के लाहौल घाटी में शुक्रवार को तीन जगह बादल फटने की घटनाएं हुईं। इससे आई बाढ़ के चलते उदयपुर-किलाड़ सड़क बंद हो गई, हालांकि शाम तक बीआरओ ने मार्ग को बहाल कर दिया। यांगला घाटी और जिस्पा में भी भारी बाढ़ आई, जिससे लोग घर छोड़कर भागने को मजबूर हुए।
कांगड़ा जिले में मूसलधार बारिश से सात पशुशालाएं और दो मकान ध्वस्त हो गए, जबकि हरिपुर क्षेत्र में एक बुजुर्ग की ढांक से गिरकर मौत हो गई। चंबा जिले में सिल्ट बढ़ने से बाजोली-होली और ग्रीनको बुधिल पनबिजली परियोजनाओं को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है।
मनाली-कीरतपुर फोरलेन पर मंडी के पंडोह और बिलासपुर के समलेटू में भूस्खलन से लगभग नौ घंटे यातायात ठप रहा, जिससे दोनों ओर सैकड़ों वाहन फंस गए।
राजस्थान में बारिश से हालात बेकाबू, कई जिलों में स्कूल बंद
राजस्थान में लगातार तीन दिन से जारी तेज वर्षा ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। श्रीगंगानगर से छत्तरगढ़ को जोड़ने वाली सड़क बह गई है। धौलपुर और सवाई माधोपुर में हालात से निपटने के लिए सेना की टीमों को लगाया गया है। राज्य के 16 जिलों में शुक्रवार को स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया।
पार्वती नदी में बह गए एक ट्रक चालक और उसके साथी की तलाश जारी है। नागौर-राजसमंद राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 458 को भी बंद करना पड़ा है। सीकर में मकान का हिस्सा गिरने से एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि श्रीगंगानगर के जैतसर गांव में एक स्कूल और दुकान क्षतिग्रस्त हो गईं, हालांकि कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई।
जुलाई में रिकॉर्ड वर्षा
पीटीआई के अनुसार, राजस्थान में इस बार जुलाई महीने में पिछले करीब 70 वर्षों की तुलना में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई है। राज्यभर में औसतन 285 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।