गंगा-यमुना ने पार किया खतरे का निशान, सैकड़ों घर जलमग्न, हजारों लोग बेघर

गंगा और यमुना नदियों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और यह खतरे के निशान 84.734 मीटर से ऊपर पहुंच चुका है। दोनों नदियों का उफान थमने का नाम नहीं ले रहा, जिससे हालात भयावह होते जा रहे हैं। तटवर्ती इलाकों के दो दर्जन से अधिक मोहल्लों में पानी घुस गया है, जिससे हजारों घर जलमग्न हो गए हैं। लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने राहत व बचाव कार्य तेज कर दिया है। बाढ़ राहत शिविरों में शरण लेने वालों की संख्या बढ़कर दो हजार से अधिक हो गई है। कई मोहल्लों में सड़कों और गलियों तक पानी भर गया है, जिससे नावों की मदद से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है।

चंबल में राहत, टोंस ने बढ़ाई मुश्किलें

शनिवार तक गंगा के जलस्तर में तेज बढ़ोतरी के आसार बने हुए हैं। कानपुर से 80 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी लगातार छोड़ा जा रहा है, जबकि नरौरा से भी प्रवाह जारी है। हालांकि चंबल नदी में जलस्तर घटने से कुछ राहत मिली है, पर केन और बेतवा अब भी उफान पर हैं। वहीं टोंस नदी में तेजी से पानी बढ़ने से स्थिति गंभीर बनी हुई है और कई तटीय इलाके इसकी चपेट में आ चुके हैं। इसके चलते छतनाग से जल निकासी में भी बाधा उत्पन्न होने की आशंका है, जिससे निचले इलाकों में गंगा का पानी और फैल सकता है।

आधी रात तक सब सामान्य, सुबह घर डूब गए

स्टैनली रोड स्थित मेहबूब अली इंटर कॉलेज को बाढ़ राहत शिविर बनाया गया है। गुरुवार आधी रात तक कछारी क्षेत्रों में बाढ़ का पानी दूर था, इसलिए शुक्रवार को स्कूल खुला रहा और पढ़ाई भी हुई। लेकिन सुबह तक बेली कछार समेत कई गांवों में पानी घुस गया। दोपहर 12 बजे तक स्कूल बंद होते-होते 100 से ज्यादा बाढ़ पीड़ित यहां पहुंच चुके थे। राहत शिविर में पहुंचे बेली गांव निवासी सुनील गौड़, प्रियंका और मोहम्मद यूसुफ ने बताया कि रात में पानी तेजी से बढ़ा, जिसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी। सुनील ने बताया कि उनके घर के भूतल में कमर तक पानी भर गया है और सामान को छत पर तिरपाल लगाकर रखा गया है।

एनडीआरएफ-सीडीआरएफ तैनात, 12 नावों से बचाव कार्य जारी

बाढ़ प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ और सीडीआरएफ की टीमें सक्रिय हो गई हैं। तहसील प्रशासन द्वारा 12 नावें राहत कार्य में लगाई गई हैं, जिनकी सहायता से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। क्षेत्रीय पार्षदों व प्रमुख लोगों को नाविकों, लेखपालों और राहत एजेंसियों के मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि आपात स्थिति में तत्काल संपर्क किया जा सके। सिविल डिफेंस की टीमें भी मैदान में हैं। एसडीएम सदर अभिषेक सिंह ने बताया कि 10 अतिरिक्त नावें रिजर्व में रखी गई हैं और शुक्रवार शाम तक चार बाढ़ राहत शिविर सक्रिय कर दिए गए थे।

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